यूपी (UP) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने राज्य की विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद कमजोर बताया है। कहा कि योगी सरकार (Yogi Government) की जनविरोधी नीतियों का सदन में पुरजोर विरोध करने में सपा लाचार दिखती है।
लखनऊ। यूपी (UP) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने राज्य की विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद कमजोर बताया है। कहा कि योगी सरकार (Yogi Government) की जनविरोधी नीतियों का सदन में पुरजोर विरोध करने में सपा लाचार दिखती है।
माया ने यूपी विधान सभा (UP Legislative Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session) में सपा की लाचारी और कमजोर प्रदर्शन का मुद्दा उठाते हुए बुधवार को विपक्षी दलों के दायित्व निर्वहन के लिहाज से इसे चिंताजनक स्थिति बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा (BJP) की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी भाजपा (BJP) को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों?
2. यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है। विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 21, 2022
इसकी वजह बताते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है। विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय।
बता दें कि सपा ने विधान सभा में मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान सत्तापक्ष पर विरोध की आवाज को दबाने का मुद्दा उठाया है। मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विधान सभा तक सपा विधायकों के पैदल मार्च की अनुमति नहीं मिलने के मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही पार्टी विधायकों के साथ धरने पर बैठ गये थे।