बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati ) ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने रायपुर अधिवेशन में जातीय जनगणना (Caste Census) व प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण आदि को लेकर कही गई बातें छलावा है। माया ने कहा कि घोर चुनावी स्वार्थ की इनकी राजनीति नहीं तो और क्या है? क्योंकि सत्ता में होने पर कांग्रेस ठीक इसका उलटा ही करती है। बीजेपी (BJP )का भी रवैया ऐसा ही छलावापूर्ण।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati ) ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने रायपुर अधिवेशन में जातीय जनगणना (Caste Census) व प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण आदि को लेकर कही गई बातें छलावा है। माया ने कहा कि घोर चुनावी स्वार्थ की इनकी राजनीति नहीं तो और क्या है? क्योंकि सत्ता में होने पर कांग्रेस ठीक इसका उलटा ही करती है। बीजेपी (BJP )का भी रवैया ऐसा ही छलावापूर्ण।
इसके साथ ही, प्रोन्नति में आरक्षण के चर्चित व महत्त्वपूर्ण मुद्दे को लेकर कांग्रेस (Congress) व भाजपा (BJP )द्वारा सपा को आगे करके सम्बंधित बिल को संसद में पारित नहीं होने देने के जातिवादी षडयंत्र को भला कौन भुला सकता है? जिसका अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम इन वर्गों को आजतक भुगतना पड़ रहा है।
मायावती (Mayawati ) ने कहा कि इन्हीं बीएसपी (BSP) -विरोधी पार्टियों के षडयंत्र का परिणाम है कि सरकारी नौकरी व शिक्षा में इन वर्गों का आरक्षण लगभग निष्क्रिय व निष्प्रभावी बन गया है । इनकी आरक्षित सीटें वर्षों से खाली हैं, जबकि ईडब्लूएस (EWS) का नया लागू कोटा सरकार मुस्तैदी से भरती है। अतः हर स्तर पर सावधानी जरूरी।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां सत्ता में रहते खासकर दलित व आदिवासी वर्ग को पार्टी संगठन में भी उच्च पदों से दरकिनार रखती हैं अर्थात अच्छे वक्त में अन्य वर्गों को ही पूरा महत्त्व तथा सत्ता से बाहर होने पर बुरे वक्त में इनकी याद व उनके वोट के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।