बीते कुछ वर्षों से लोगों की लाइफस्टाइल में हुए बदलावों की वजह से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है। खानपान की गलत आदतों और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोगों को मोटापा और स्ट्रेस आदि का सामना करना पड़ा है। इन सभी कारकों के अलावा अन्य कारणों के चलते लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आदि समस्याओं का जोखिम बढ़ा है।
लखनऊ: बीते कुछ वर्षों से लोगों की लाइफस्टाइल में हुए बदलावों की वजह से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है। खानपान की गलत आदतों और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोगों को मोटापा और स्ट्रेस आदि का सामना करना पड़ा है। इन सभी कारकों के अलावा अन्य कारणों के चलते लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आदि समस्याओं का जोखिम बढ़ा है।
बढ़ते समय के साथ कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) जैसी जटिल समस्या सिर्फ आम जनजीवन जीने वालों को ही नहीं, बल्कि इस समस्या से जुड़ी सारी जानकारी रखने वाले डॉक्टरों को भी चपेट में ले रही है। बतातें चलें कि लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) के MBBS इंटर्न डॉक्टर की कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) के चलते मौत हो गयी, जिसके चलते पूरे लोहिया संस्थान में शोक की लहर है। बुधवार रात अचानक बिगड़ी थी तबियत, बेचैनी के साथ सीने में उठा था दर्द डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बतौर MBBS इंटर्न डॉक्टर के रूप में तैनात विवेक कुमार पांडे की कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से मौत हुई है।
बीते बुधवार की देर रात डिनर करने के बाद अचानक इंटर्न डॉक्टर विवेक की तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान उन्हें बेचैनी होने के साथ ही सीने में दर्द शुरू हो गया सुर करीब 2 घंटे तक उन्हें उल्टियां हुईं। आनन फानन में उन्हें डॉक्टर विवेक के साथियों ने गंभीर हालत में उन्हें लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भर्ती कराया।
सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में शुरू हुआ इलाज, ECG और ट्रॉप-आई का हुआ टेस्ट डॉक्टर विवेक के इमरजेंसी में भर्ती होने की जानकारी मिलते ही संस्थान के सीनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे। लोहिया संस्थान के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट को भी इलाज के लिए मौके ऑयर बुलाया गया। सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में डॉक्टर विवेक की ECG और ट्रॉप-आई जांच कराई गई लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसी बीच इमरजेंसी में ही इलाज के दौरान डॉ. विवेक ने दम तोड़ दिया।
बीते 5 सालों से डायबिटीज से लड़ रहे थे जंग
मिली जानकारी के अनुसार 2018 बैच के पास आउट डॉक्टर विवेक कुमार पांडेय (Doctor Vivek Kumar Pandey) बीते 5 से 6 सालों से डायबिटीज (Diabetes) जैसी समस्या से जूझ रहे थे, उन्हें भारी भरकम दवाओं के सेवन के बावजूद अनकंट्रोल शुगर की हमेशा शिकायत बनी रहती थी। मिली जानकारी के अनुसार, डॉक्टर विवेक कुमार पांडे (Doctor Vivek Kumar Pandey) 2018 बैच के MBBS पासआउट थे और लोहिया संस्थान में इंटर्न के रूप में कार्यरत थे।