Model Code of Conduct : चुनाव आयोग आज शनिवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान करने वाला है, जिसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) लागू हो जाएगी। चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं जिनका सभी राजनीतिक दलों को पालन करना होता है। इसके अलावा आचार संहिता में शामिल कुछ प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकती है। जिसमें उम्मीदवार को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है। आइये जानते हैं इन नियमों और पाबंदियों के बारे में।
Model Code of Conduct : चुनाव आयोग आज शनिवार दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान करने वाला है, जिसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) लागू हो जाएगी। चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं जिनका सभी राजनीतिक दलों को पालन करना होता है। इसके अलावा आचार संहिता में शामिल कुछ प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकती है। जिसमें उम्मीदवार को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है। आइये जानते हैं इन नियमों और पाबंदियों के बारे में।
1- सरकारी एलानों पर रोक
चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने से रोक लग जाती है। सिविल सेवकों को छोड़कर, सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर शिलान्यास करने या किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं को शुरू करने पर रोक। इस दौरान सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं के प्रावधान आदि से संबंधित वादे भी नहीं किए जा सकते हैं।
इसके अलावा कोई रैली या फिर जनसभा करने के लिए पुलिस से अनुमति लेनी जरूरी होती है। चुनावी रैलियों में पैसे, धर्म, जाति के नाम पर वोट मांगना पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है। चुनाव से किसी भी तरह से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जाता है। अगर जरूरी हो तो इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है।
2- प्रचार-प्रसार से जुड़े नियम और विज्ञापनों पर रोक
आचार संहिता के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्चे पर विज्ञापनों पर रोक लगा दी जाती है। मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता. प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियां कितनी भी गाड़ियां (टू-व्हीलर भी शामिल) इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन पहले रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति लेनी होगी। किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस की अनुमति लेनी होगी।
इस दौरान रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे का इस्तेमाल नहीं हो सकता। अगर कोई रैली भी होनी है, तो सुबह 6 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद नहीं होगी। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक विश्राम गृहों, डाक बंगलों और अन्य सरकारी आवासों पर सत्तारूढ़ दल या उसके उम्मीदवारों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए। लेकिन किसी भी पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार के लिए प्रचार कार्यालय के रूप में या सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने के लिए उनका उपयोग करना प्रतिबंधित है।
3- बयानबाजी को लेकर नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषा के आधार पर लोगों के बीच तनाव पैदा कर सकता है। जब भी कोई दल अपने प्रतिद्वंदी पार्टी की आलोचना करेगा, उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रहेगी। पार्टियों और उम्मीदवारों को निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए, जो अन्य पार्टियों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं. असत्यापित आरोपों के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।
4- कब तक लागू रहती है आचार संहिता
आचार संहिता चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। अगर विधानसभा के चुनाव होते हैं तो यह राज्यभर में लागू होती है। वहीं लोकसभा के चुनाव के दौरान पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। यह आचार संहिता चुनाव के परिणाम आने तक लागू रहती है। इस दौरान बहुत सारी शक्तियां चुनाव आयोग के हाथ में चली जाती है।