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Modi Surname Case Update : सरनेम मामले में तीखी बहस, SC ने पूछा- राहुल गांधी को क्यों मिली अधिकतम सजा?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता रद्द होने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हो गई । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में इस मामले की सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त तय किया, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को बोलने के लिए 15-15 मिनट मिले ।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता रद्द होने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हो गई । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में इस मामले की सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त तय किया, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को बोलने के लिए 15-15 मिनट मिले । राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  की ओर से पक्ष रखा गया है कि उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया है, इस तरह के मामले में सिर्फ राहुल को ही ऐसी सजा मिली है ।

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पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) की ओर से दी गई दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि कितने नेताओं को अपने पुराने भाषण याद हैं। निचली अदालत ने इस मामले में दो साल की सजा क्यों दी है?  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दोनों पक्षों की ओर से क्या दलीलें रखी गईं, पढ़िए…

‘राहुल के खिलाफ सबूत नहीं’

राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi)  ने इस मामले में दलील दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी(Rahul Gandhi)   ने अपने भाषण में जिन लोगों का नाम लिया है। उनमें से किसी ने मुकदमा नहीं किया, लेकिन सिर्फ बीजेपी के नेता ही इसमें मुकदमा कर रहे हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का असली सरनेम मोदी नहीं है। वह मोध सरनेम से मोदी बने हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि गवाहों ने साफ कहा है कि राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया।

अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि ये कोई अपहरण, रेप या हत्या का केस नहीं है। ऐसा काफी कम ही होता है जहां इस तरह के केस में 2 साल की सजा हुई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi)  को टोका और कहा कि आप यहां राजनीतिक बहस ना करें, इसे राज्यसभा के लिए बचाकर रखें। इस पर सिंघवी भी मुस्कुरा दिए। राहुल गांधी (Rahul Gandhi)   के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी (Rahul Gandhi)   के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जो शिकायत दर्ज की गई है वह भी अखबार की कटिंग के आधार पर है जो व्हाट्सएप पर मिला था।

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पूर्णश मोदी की ओर से रखी गई ये दलीलें

पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) की ओर से महेश जेठमलानी ने अपनी दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि राहुल के भाषण की कॉपी निर्वाचन आयोग के पास है, सीडी नंबर-2 में सबकुछ स्पष्ट है। महेश जेठमलानी ने कोर्ट में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की स्पीच का हिस्सा भी पढ़ा। उनके पास पर्याप्त सबूत और गवाह हैं।

पूर्णेश मोदी (Rahul Gandhi)  के वकील ने अपील की है कि राहुल की टिप्पणी पूरे मोदी समुदाय पर थी, इसलिए उनकी दोषसिद्ध पर रोक नहीं लगनी चाहिए। जिस व्यक्ति को आदर्श आचार सहिंता (Model Code of Conduct) का पालन सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था, उसने ही राहुल की स्पीच को रिकॉर्ड किया है। राहुल ने अपने भाषण में मोदी समुदाय का अपमान किया।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुनवाई के दौरान महेश जेठमलानी ने कहा कि राहुल कैसे कह सकते हैं कि उन्हें स्पीच याद नहीं है।  इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि कितने नेताओं को अपनी पुरानी स्पीच याद रहती है। जस्टिस गवई ने सवाल किया कि ट्रायल कोर्ट ने दो साल की सजा क्यों दी, एक व्यक्ति को अधिकतम सजा देने से इलाके का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया। कोर्ट ने इस दौरान निचली अदालत में मामला लंबा चलने पर भी सवाल उठाया।

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क्या है राहुल गांधी से जुड़ा मामला?

राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  को इस मामले में 2 साल की सजा हो चुकी है, जिसकी वजह से उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। इतना ही नहीं वह सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi)  ने सूरत की एक अदालत में याचिका दायर की थी।

साल 2019 के चुनाव में राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने कर्नाटक की एक रैली में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरनेम (Modi Surname) पर टिप्पणी की थी। पूर्णेश मोदी ने इसी मामले में याचिका लगाई थी, राहुल ने माफी मांगने से इनकार किया था और कोर्ट ने उन्हें सजा दी थी। सूरत कोर्ट (Surat Court) के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में अपील की थी।

हालांकि, यहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली और मार्च में गुजरात सरकार ने जब फैसले को बरकरार रखा तब राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। राहुल ने अपना सरकारी बंगला भी खाली कर दिया था।

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