HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. मोदी-योगी के पास नहीं है परिवार चलाने का अनुभव, इसलिए नहीं समझते आम लोगों दर्द : दिग्विजय सिंह

मोदी-योगी के पास नहीं है परिवार चलाने का अनुभव, इसलिए नहीं समझते आम लोगों दर्द : दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा और आरएसएस मनुस्मृति से देश को संचालित करना चाहते हैं। मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने शादी नहीं की है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गृहस्थ नहीं हैं, इसलिए इन्हें परिवार चलाने के बारे में कोई अनुभव नहीं है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा और आरएसएस मनुस्मृति से देश को संचालित करना चाहते हैं। मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने शादी नहीं की है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गृहस्थ नहीं हैं, इसलिए इन्हें परिवार चलाने के बारे में कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ये आम लोगों का दर्द नहीं समझ पा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामाजिक समरसता का सिद्धांत भूलकर 80-20 की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश में भाजपा के शासन में जबरदस्त बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होंने बेरोजगारी पर एक पुस्तिका भी जारी की।

पढ़ें :- यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान कल,अखिलेश यादव समेत इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य सरकारें युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की बजाय भेदभाव सिखाने, नफरत भरने, हिंसा सिखाने पर सारी ताकत लगाती है।
उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सोमवार को बेरोजगारी के मुद्दे पर बुकलेट जारी करते हुए कहा कि हम दुनिया के सबसे युवा देशों में हैं पर मोदी सरकार ‘डेमोग्रॅफिक डिवीडेंड’ को ‘डेमोग्रॅफिक डिजास्टर’ में बदलने में लगी है।

भाजपा और संघ परिवार देश के युवाओं की आंख पर पट्टिया बांधकर उन्हें भेड़-बकरियों की तरह बड़ा करना चाहते हैं, क्योंकि पढ़ा-लिखा, प्रतिभाशाली, रोजगार मांगने वाला, तरक्की की सोचने वाला, सवाल पूछने वाला युवा भाजपा-संघ परिवार के एजेंडे के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भाजपा युवाओं को शिक्षा और रोजगार की बजाय भेदभाव सिखाने, नफरत भरने, हिसा सिखाने पर सारी ताकत लगाती है, ताकि वे न सवाल पूछें न रोजगार मांगे, न भविष्य की बात करें न ही सरकार की नीतियों का आकलन करें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा कर सत्ता में आए थे, मगर पिछले सात साल में 14 करोड़ नए रोजगार देना तो दूर पहले से ही रोजगार पा रहे लोगों की नौकरियां चली गईं। भारत को साल 2028 तक 34.35 करोड़ नए रोजगार सृजन करने होंगे, यानी हर साल तीन से चार करोड़ नई नौकरियां, मौजूदा गति से भाजपा सरकार को इतनी नौकरियां देने में 1,560 साल का समय लगेगा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि युवाओं के प्रति बेरुखी का आलम यह है कि अकेले केंद्र सरकार में 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं और लगभग 30 लाख सरकारी पद राज्यों में भी खाली हैं। युवा धक्के खा रहे हैं और सरकारी खाली पद भी न भरकर पैसा बचा रही हैं। सेंटर फॉर इकोनॉमिक डाटा एंड एनालिसिस के मुताबिक साल 2016-17 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 5.10 करोड़ लोग नौकरी करते थे। साल 2020-21 में इनकी संख्या 46 प्रतिशत कम होकर मात्र 2.70 करोड़ रह गई है।

पढ़ें :- ऊंगली पर स्याही का निशान दिखाओ और ले जाओ मुफ्त पेट्रोल, कानपुर के पेट्रोल पंप की अनोखी स्कीम

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश के युवाओं और छात्रों को कानूनी तौर से शिक्षा का अधिकार दिया। पर सात साल में मोदी सरकार ने केवल शैक्षणिक ढांचे पर प्रहार किया और शिक्षा और शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता को लगातार रौंद बेजार किया। शिक्षा का निजीकरण और छात्र अधिकारों का दमन ही मोदी सरकार का एकमात्र रास्ता है।

श्री सिंह ने कहा कि ‘बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ’ योजना का मोदी सरकार ने जोर-शोर से ढिंढोरा तो पीटा पर इसका लाभ नहीं मिला। एक तरफ तो इसका बजट काट दिया और जो पैसा दिया, उसका 78.91 प्रतिशत श्री मोदी के विज्ञापनों पर खर्च कर दिया। आवंटित बजट का कुल पैसा रिलीज नहीं किया गया।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...