सनातन धर्म में एकादशी व्रत को आत्मिक शुद्धि और भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का विशेष साधन बताया गया है।
Mokshada Ekadashi 2025 : सनातन धर्म में एकादशी व्रत को आत्मिक शुद्धि और भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का विशेष साधन बताया गया है। आज मोक्षदा एकादशी मनाई जा रही है। इसे मोक्ष की प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। एकादशी तिथि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन व्रत और कथा का पाठ करने से लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन कथा का पाठ करने से साधक को शुभ फल मिलता है।
पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत आज 1 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को रखा जाएगा. मोक्षदा एकादशी व्रत पारण का समय 02 दिसंबर 2025 दिन मंगलवार की सुबह 06 बजकर 57 मिनट से 09 बजकर 03 मिनट तक रहेगा।
आज के दिन तुलसी दल ना तोड़ें – एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ना इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए. शास्त्रों में एकादशी के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है।
आज के दिन लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से दूरी – व्रत के दिन सादा सात्विक भोजन अपनाना चाहिए।
माता लक्ष्मी का भोग
माता लक्ष्मी को भोग में खीर, बताशे, मखाने, नारियल, सिंघाड़ा, गन्ना और शहद चढ़ाया जाता है। सफेद मिठाई, खील, पान, आंवला, इलायची और कमल गट्टा भी उन्हें प्रिय हैं और इनका भोग लगाना शुभ माना जाता है।