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Monsoon Big Update : इस साल हो सकती है जोरदार बारिश, सामान्‍य से 104 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान

देश में इस साल मॉनसून (Monsoon) के सामान्य रहने की संभावना है। स्काईमेट के अनुसार, इस साल मॉनसून (Monsoon)  के दौरान बारिश जून से लेकर सितंबर की अवधि के दौरान 868.6 मिलीमीटर रहने की संभावना है। अनुमान के मुताबिक, इस साल मॉनसून (Monsoon)  के दौरान होने वाली बारिश का प्रतिशत 96-104 फीसदी रहने की संभावना है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में इस साल मॉनसून (Monsoon) के सामान्य रहने की संभावना है। स्काईमेट के अनुसार, इस साल मॉनसून (Monsoon)  के दौरान बारिश जून से लेकर सितंबर की अवधि के दौरान 868.6 मिलीमीटर रहने की संभावना है। अनुमान के मुताबिक, इस साल मॉनसून (Monsoon)  के दौरान होने वाली बारिश का प्रतिशत 96-104 फीसदी रहने की संभावना है।

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बता दें कि इससे पहले 12 जनवरी को जारी पूर्वानुमान में भी एजेंसी ने मानसून (Monsoon) सामान्य रहने की बात कही थी। स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक, सीजन की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है। इसके पीछे की वजह अल नीनो (El Nino) से ला नीना (La Nina)  में तब्दीली बताई जा रही है। साथ ही पूरे सीजन में बारिश का वितरण अलग-अलग और असमान रहने की संभावना है।

ला नीना की वजह से तेज होगा मॉनसून का सर्कुलेशन

देश के मॉनसून को लेकर स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा कि अल नीनो तेजी से ला नीना में बदल रहा है। ला नीना के वर्षों में मॉनसून का सर्कुलेशन तेज होता है। साथ ही सुपर अल नीनो का मजबूत ला नीना में बदलना ऐतिहासिक रूप से बेहतर मानसून की स्थिति बनाता है। स्काईमेट के मुताबिक, सीजन के दूसरे हिस्से में पहले के मुकाबले स्थिति बेहतर होगी। देश के दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में पर्याप्त और अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।

इन राज्यों में बढ़िया बारिश की संभावना

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वहीं मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बढ़िया बरसात होने की संभावना है। हालांकि, जुलाई और अगस्त के दौरान बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कम बारिश होने के आसार हैं। मॉनसून की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी भारत में बारिश सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। बता दें कि उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किसानों की संख्या अच्छी-खासी है। देश की कृषि भूमि का लगभग आधा हिस्सा सिंचाई के लिए मानसूनी बारिश पर निर्भर करता है, जिसके पास सिंचाई का कोई और साधन नहीं है। इस हिस्से पर धान, बाजरा, गन्ना, कॉटन और सोयाबीन जैसी फसलें उगाई जाती हैं।

मॉनसून के दौरान भी चलेगी लू

देश में मॉनसून के साथ-साथ लू के चलने की भी संभावनाएं जताई गई हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जताया है कि अगस्त से जून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 10 से 20 दिन तक लू चल सकती है। सामान्य रूप से यह अवधि 4 से 8 दिन की रहती है। जाहिर इन दिनों के दौरान लोगों को गर्मी की मार झेलनी होगी।

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