ओरल हाइजीन का विशेष ध्यान न रखना भी बच्चों के मुंह से बदबू का कारण हो सकता है। कई बार बच्चे अपने मुंह और दांतों को अच्छे से साफ नहीं करते है। तो भी बच्चो के मुंह के बद्बू आने लगती है।
मुंह के बद्बू आना एक बेहद आम समस्या है। चाहे बच्चे हो या फिर बड़े इस समस्या से दोनो को ही दो चार होना पड़ता है। अगर खाना खाने के बाद कुल्ला न किया जाए तो मुंह से बद्बू आने लगती है। इसलिए खाना खाने के बाद या फिर कुछ भी खाने के बाद कु्ल्ला करने की सलाह दी जाती है। बच्चों के मुंह से बद्बू आने के कई कारण हो सकते है।
जब मुंह में लार का उत्पादन कम होता है और मुंह सूख जाता है तो ऐसे में बैक्टीरिया मुंह के अंदर अधिक समय के लिए रहते है। इस वजह सांसों में बद्बू आने लगती है। ड्राई मुंह तब होता है जब बच्चा पानी कम पीता है।
ओरल हाइजीन का विशेष ध्यान न रखना भी बच्चों के मुंह से बदबू का कारण हो सकता है। कई बार बच्चे अपने मुंह और दांतों को अच्छे से साफ नहीं करते है। तो भी बच्चो के मुंह के बद्बू आने लगती है।
अक्सर खाना खाने के बाद कुल्ला न करने से खाने के कुछ हिस्से इधर उधर दांतों के बीच में छिपे रह जाते है। जिससे गंदे बैक्टीरिया बद्बू पैदा करने लगते है। यहां तक की गंदी जीभ भी सांसों में बद्बू का कारण बन सकती है। ओरल हाइजीन का ध्यान रखने पर मसूड़ों में तकलीफ और कैविटी की परेशानी होने लगती है।
इसके अलावा जब बच्चे मुंह से सांस लेते है, उनकी सांसों से अक्सर बदबू का आ सकती है। यह मुंह की लार सूखने के कारण होता है। लार सूखने पर इससे माइक्रोबियल विकास को बढ़ावा मिलता है और मुंह से बद्बू आती है।
इसके अलावा बच्चे अगर प्याज और लहसुन से बनी हुई चीज का सेवन करते है तो भी मुंह से बद्बू आने लगती है। साइनसाइटिस और टॉन्सिलाइटिस जैसी कुछ परेशानियां भी बच्चों में सांसों की बद्बू आने लगती है। अगर बच्चे के पेट में इंफेक्शन होता है या फिर बैड ब्रेथ की परेशानी होती है तो भी बच्चों के मुंह से बद्बू आने लगती है।