Murder of senior BJP leader who opposed Mulayam Singh Yadav, police investigating
संभल। भाजपा (BJP) के संभल विधानसभा क्षेत्र प्रभारी गुलफाम सिंह यादव (66) की सोमवार दोपहर मेहमान बनकर आए तीन बाइक सवारों ने जहरीला इंजेक्शन (Poisonous Injection) घोंपकर हत्या कर दी। पुलिस को मौके से हेलमेट और सिरिंज की सुई मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जुनावई थाना क्षेत्र के दबथरा हिमंचल गांव के रहने वाले गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) सोमवार दिन में घेर में आराम कर रहे थे। उसी समय बाइक से तीन लोग पहुंचे और उनसे दुआ सलाम करने के बाद कुर्सी पर बैठ गए। गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) ने मेहमान बनकर आए तीनों लोगों का हालचाल लिया और पानी भी पिलाया।
इसके बाद गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) चारपाई पर लेटकर उनका परिचय पूछने लगे। तभी एक युवक ने इंजेक्शन निकाल कर गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) के पेट में घोंप दिया। इसके बाद तीनों भाग निकले। घटना से घबराए गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) ने घर से बाहर आकर आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्य कर रहे मजदूरों को जानकारी दी।
भाजपा नेता को जुनावई में निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया। जहां से चिकित्सक ने अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज (Aligarh Medical College) रेफर कर दिया। परिजन निजी वाहन से गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) को अलीगढ़ ले गए, लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई। अलीगढ़ में उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें मौत की वजह साफ नहीं है।
लेखपाल की नौकरी छोड़ कर राजनीति में उतरे थे गुलफाम, ईमानदारी के थे चर्चे
संभल के जुनावई ब्लॉक क्षेत्र के गांव दवथरा हिमंचल गांव के रहने वाले गुलफाम सिंह यादव (Gulfam Singh Yadav) लेखपाल की नौकरी छोड़ कर राजनीति में उतरे थे और अपनी ईमानदारी के बल पर भाजपा में विशेष जगह बनाई। क्षेत्र में उनकी ईमानदारी के चर्चे हैं। गुन्नौर विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समक्ष जब वह भाजपा की ओर से मुकाबले पर आमने सामने आए तो उन्हें विपक्ष से कई ऑफर दिए गए लेकिन उन्होंने अपनी वफादारी का परिचय देते हुए सभी ऑफर ठुकरा दिए।
मुलायम सिंह के खिलाफ लड़ा था चुनाव
भाजपा नेता गुलफाम सिंह 1976 में आरएसएस के जिला कार्यवाहक और बदायूं जनपद में जिला मंत्री के पद पर भी रह चुके थे। वर्ष 2004 में जनता की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गुन्नौर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने गुलफाम सिंह यादव को पूर्व मुख्यमंत्री के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान सपा से उनके लिए पार्टी में शामिल होकर एक बड़ा पद देने का ऑफर दिया गया लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ पूरी वफादारी निभाई।
भारी मतों से हार गए थे गुलफाम सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री के मुकाबले चुनाव लड़ने पर गुलफाम सिंह चर्चित हुए। हालांकि वह भारी मतों से चुनाव हार गए। भाजपा के द्वारा गुलफाम सिंह यादव को एक वरिष्ठ कार्यकर्ता मानते हुए उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग में भी सदस्य बनाया गया था। जबकि 2016 में पश्चिमी उत्तर पदेश के भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष पद पर रह चुके थे। वर्तमान समय में गुलफाम सिंह यादव संभल विधानसभा क्षेत्र प्रभारी के पद पर कार्यरत थे।
बेटा ब्लॉक प्रमुख रहा तो पत्नी को तीन जिताया ग्राम प्रधान का चुनाव
भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव का बड़ा पुत्र दिव्य प्रकाश पूर्व में भाजपा से ब्लाक प्रमुख रह चुका है। वहीं पत्नी जावित्री देवी लगातार तीन बार प्रधान रह चुकी हैं। वर्तमान में भी प्रधान पद पर कार्यरत हैं। मृतक अपने पीछे पत्नी जावित्री, बड़ा पुत्र दिव्य प्रकाश, छोटा बेटा विकास, पांच पुत्री छोड़ गए हैं। जबकि सभी भाई बहनों की शादी होने के उपरांत पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिव्य प्रकाश अभी अविवाहित हैं।
राजनाथ सिंह के भी रहे करीबी
भाजपा नेता गुलफाम सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी रहे। बताते हैं कि जब भाजपा सरकार में राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे। तब गुलफाम सिंह की उनसे काफी नजदीकियां थीं। उनके पास बार-बार आना जाना लगा रहता था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी ईमानदारी के चलते मुस्लिम समाज का दिल भी जीता। उनकी ग्राम पंचायत दबंथरा हिमंचल में करीब 20 प्रतिशत मुस्लिम वोट हैं। बेटे को ब्लॉक प्रमुख और पत्नी को तीन बार ग्राम प्रधान पद पर आसीन किया।
गुलफाम की मौत का कारण स्पष्ट नहीं, विसरा प्रिजर्व
संभल के भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव की मौत के कारण को लेकर पोस्टमार्टम में भी सवाल उलझ गया है। संभल में हुई घटना के बाद उनको उपचार के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा था। तभी उनकी मौत हो गई। अलीगढ़ में ही उनके शव का दो चिकित्सकों से पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें मृत्यु का कारण साफ न होने पर विसरा प्रिजर्व किया गया है।
इधर, संभल प्रशासन की सूचना पर अलीगढ़ पुलिस ने शव का यहां पोस्टमार्टम कराया। गोली के अंदेशे पर पोस्टमार्टम भी कराया गया। मगर कोई चोट जाहिरा नहीं मिली। बाजू पर एक इंजेक्शन लगाए जाने सरीखा निशान है। लेकिन, वह तीन से चार दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। सीओ तृतीय अभय पांडेय के अनुसार शव पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है।