वैदिक ज्योतिष में कुंडली में मौजूद राजयोग महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के ग्रहों की युति की वजह से राजयोग का निर्माण होता है।
Navpancham Rajyog : वैदिक ज्योतिष में कुंडली में मौजूद राजयोग महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के ग्रहों की युति की वजह से राजयोग का निर्माण होता है। कुंडली में राजयोग के कारण जातक के जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है ना ही उनके पास धन और ऐश्वर्य की कोई कमी रहती है।
इन दिनों ग्रहों के राजा सूर्य (who is king of planet) धनु राशि में विराजमान हैं। वहीं, गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मेष (Aries) में मार्गी अवस्था में विराजमान हैं। ऐसे में सूर्य और गुरु त्रिकोण अवस्था में हैं, जो नवपंचम योग बना रहे हैं। शनि और मंगल की युति में सूर्य के प्रभाव से पहले ही निर्मित नव पंचम योग काफी ज्यादा मजबूत हो जाता है। इस योग की वजह से कई राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं। इस योग को काफी ज्यादा दुर्लभ माना जाता है।
नवपंचम राजयोग के लाभ
यह योग व्यक्ति पर धन वर्षा करने के लिए भी जाना जाता है। इस योग में के जातक की आर्थिक स्थिति भी ठीक हो जाती है तो कुछ जातकों को जीवन में परेशानियां भी देखनी पड़ती हैं। ये योग कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस राजयोग की वजह से जातक जीवन में खूब तरक्की करता है साथ ही उसे आलीशान जीवन जीने का मौका मिलता है।