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चाचा पर भतीजा भारी : अजित पवार NCP के असली बॉस, स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुनाया फैसला

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष  राहुल नार्वेकर (Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने गुरूवार को एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले (NCP MLA Disqualification) में अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। चुनाव आयोग (Election Commission) की तरह ही स्पीकर ने संख्‍याबल के आधार पर अपना फैसला सुनाया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष  राहुल नार्वेकर (Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने गुरूवार को एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले (NCP MLA Disqualification) में अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। चुनाव आयोग (Election Commission) की तरह ही स्पीकर ने संख्‍याबल के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। नार्वेकर ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) की एनसीपी को असली एनसीपी (NCP) पार्टी का दर्जा दिया है। इस वजह अजित पवार खेमे (Ajit Pawar Faction)  में जश्न का माहौल है। वहीं, 83 वर्षीय शरद पवार (Sharad Pawar)  को बड़ा झटका लगा है।

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स्पीकर राहुल नार्वेकर (Speaker Rahul Narvekar)ने अपने फैसले में कहा कि अजित पवार खेमे (Ajit Pawar Faction)  में पार्टी के 41 विधायक है। इसलिए अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction)  को ही असली एनसीपी (NCP)  माना जाएगा। पार्टी में कोई फूट नहीं थी और मतभेद थे। दोनों खेमों के सभी विधायक पात्र है। एनसीपी (NCP)  का कोई विधायक अयोग्य नहीं है।

कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने अजित पवार (Ajit Pawar) को असली एनसीपी (NCP)का दर्जा दिया। साथ ही एनसीपी (NCP) का घड़ी चुनाव चिह्न भी अजित दादा गुट को सौंपा था। इसके बाद शरद पवार (Sharad Pawar)   के खेमे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार नाम दिया गया। इसलिए अब शरद पवार (Sharad Pawar)   के सामने चुनौती खड़ी हो गई है कि वह अपनी पार्टी को नए नाम और निशान के साथ नए सिरे से खड़ा करें। स्पीकर नार्वेकर ने एनसीपी (NCP) के दोनों गुटों- शरद पवार (Sharad Pawar)  और अजित पवार(Ajit Pawar)  द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अहम फैसला सुनाया। राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आज अपना निर्णय सुनाया है।

गौरतलब हो कि वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने 1999 में एनसीपी पार्टी बनाई थी। एनसीपी (NCP) पिछले साल जुलाई में विभाजित हो गई थी, जब अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले एक गुट ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने के लिए अपने चाचा वरिष्ठ पवार के खिलाफ बगावत कर दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना दावा किया।

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