संसद के चालू बजट सत्र का आज आठवें दिन आज भी दोनों सदनों में आम बजट 2025-26 पर चर्चा जारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत सौ कम उत्पादकता वाले जिलों पर फोकस किया जाएगा।
नई दिल्ली। संसद के चालू बजट सत्र का आज आठवें दिन आज भी दोनों सदनों में आम बजट 2025-26 पर चर्चा जारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत सौ कम उत्पादकता वाले जिलों पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने दलहन में आत्मनिर्भरता से लेकर फल और सब्जियों का भी जिक्र किया और कहा कि भारत दाल और भारत चना दाल, भारत आटा, भारत चावल, प्याज की बिक्री के आंकड़े भी सदन में गिनाए। वित्त मंत्री ने रुपये की कीमतों में लगातार गिरावट को लेकर कहा कि इसमें कई फैक्टर काम करते हैं। दुनियाभर के देशों की करेंसी गिरी है, इंडोनेशिया से लेकर जी-10 करेंसी, जापानी येन, ब्रिटिश पाउंड, यूरो तक की कीमतें डॉलर के मुकाबले गिरी हैं। उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी कोट किया।
निर्मला सीतारमण ने पूर्व आरबीआई गवर्नर को कोट करते हुए कहा कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है क्योंकि नए प्रशासन ने टैरिफ की बात कही है। अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट कम हो रहा है। उन्होंने हाउसहोल्ड सेविंग्स में गिरावट को लेकर कहा कि फिजिकल असेट्स में हाउसहोल्ड सेविंग्स बढ़ी है। कुल खर्च इस बजट में 50.65 लाख करोड़ रुपये है जो पिछले बजट से अधिक है। कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.11 लाख करोड़ था जो अब 11.21 लाख करोड़ है जो पिछले बजट से अधिक था। नेट एडिशनल एक्सपेंडिचर 2.44 लाख करोड़ रुपये अधिक है जो मुख्य रूप से तीन चीजों पर जाएगा। इंट्रेस्ट पेमेंट, सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम पर जाएगा। यूपीए टाइम के आयल बॉन्ड, फर्टिलाइजर बॉन्ड अब तक भरे जा रहे हैं। 44701 करोड़ रुपये इनका मूल बकाया था।
महंगाई नियंत्रित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रही ,कई पैरामीटर्स पर इसकी की जा रही है मॉनिटरिंग
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ सदस्यों ने युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी दर की बात की। इसमें 2017-18 के मुकाबले छह फीसदी की कमी आई है। रोजगार मेला के तहत लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। महंगाई को लेकर भी चिंता जताई गई। महंगाई नियंत्रित करना इस सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रही है। कई पैरामीटर्स पर इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है और कम कीमतों पर कई चीजें लोगों को उपलब्ध कराई जा रही है। आरबीआई के मुताबिक सीपीआई इंफ्लेशन का लोवर रेट 4.2 रहने का अनुमान जताया गया है। यूपीए सरकार के समय डबल डिजिट में महंगाई थी। ऐसा नहीं है। यूपीए वन और यूपीए टू सरकार के समय महंगाई घर का बजट बिगाड़ रही थी। फ्यूल इंफ्लेशन यूपीए सरकार में 8 फीसदी से अधिक थी जो एनडीए सरकार में चार फीसदी के आसपास है। एलपीजी सिलेंडर 2014 से पहले 45 फीसदी के करीब परिवारों तक पहुंच नहीं थी। एनडीए सरकार में इनकी संख्या डबल हो गई है। उज्ज्वला योजना के तहत दिल्ली में सरकार 5.3 रुपये में उपलब्ध करा रही है।
वित्त मंत्री ने कृषि से लेकर ग्रामीण और शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए आवंटन के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि हमने किसी भी जरूरी कैपिटल एक्सपेंडिचर में कोई कमी नहीं की है। 25.01 लाख करोड़ रुपये सभी योजनाओं के लिए राज्यों को दिए जाने हैं। इनमें केंद्र की योजनाओं के साथ ही वित्त आयोग का पैसा भी शामिल है। यह पिछले साल के बजट में आवंटित राशि से अधिक है। उन्होंने पुराने आंकड़ों का जिक्र कर कहा कि इसमें भी लगातार वृद्धि हुई है। पिछले पांच-छह साल से हमने एक प्रक्रिया सेट की है। उन्होंने 2008-09 की आर्थिक मंदी और कोविड काल का जिक्र कर कहा कि हम अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक लेकर आए हैं। वित्त मंत्री ने राज्यों को 50 साल के लिए इंट्रेस्ट फ्री लोन दिए जाने जैसे कदम गिनाते हुए कहा कि हम उनको सपोर्ट करने के लिए पैसे दे रहे हैं। सिंगल नोडल एजेंसी मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके तहत टैक्स पेयर्स का पैसा सीधे डिस्बर्स किया जाता है। राज्यों के स्तर पर कदम उठाए जाने की जरूरत है।
वैश्विक चुनौतियों के बीच आया बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब दे रही हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं और मिडिल ईस्ट से लेकर यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया और कहा कि ऐसे अनिश्चितताओं के वातावरण में ये बजट आया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को विकसित भारत बनाने की चुनौतियों को संबोधित किया गया है। इस बजट का उद्देश्य इंक्लूसिव डेवलपमेंट के साथ ही अन्नदाता, गरीब, नारी और युवा को फोकस किया गया है।