उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने के निर्देश दे रहे हैं। लेकिन यूपी स्वास्थ्य विभाग में घुसपैठ बनाकर बैठे भ्रष्टचारी, दवा माफिया और पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव पर शिकंजा कसना तो दूर सत्तापक्ष के विधायक और मंत्रियों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी हुई फर्मों की लगातार शिकायत हो रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने के निर्देश दे रहे हैं। लेकिन यूपी स्वास्थ्य विभाग में घुसपैठ बनाकर बैठे भ्रष्टचारी, दवा माफिया और पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव पर शिकंजा कसना तो दूर सत्तापक्ष के विधायक और मंत्रियों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी हुई फर्मों की लगातार शिकायत हो रही है। इसके बाद भी वो प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में उसकी और उससे जुड़े हुए लोगों की फर्में काम कर रही हैं। अब पर्दाफाश न्यूज के हाथ उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह की चिट्ठी हाथ लगी है, जो उन्होंने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने मुकेश श्रीवास्तव और अन्य लोगों के भ्रष्टाचार के गठजोड़ पर कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
यूपी सरकार के राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को 26 नवंबर 2022 को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने ओम प्रकाश दुबे की शिकायत का जिक्र करते हुए डिप्टी सीएम को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि, पूर्व सपा विधायक मुकेश श्रीवास्तव एवं सहयोगी पंकज त्रिपाठी की फर्मों से गलत तरीके से कई गुना महंगे दामों पर सरकारी धन का दुरूपयोग करते हुए अधोमानक सामानों का क्रय किया गया।
उन्होंने आगे लिखा कि, क्रय किया गया उक्त सामान कई गुना महंगा होने के कारण चीफ फर्मासिस्ट को आवंटित कार्य स्टोरकीपर पारसनाथराम से कराते हुए फर्म द्वारा सीएमएसडी स्टोर बलिया में न भेजकर सीधे विभिन्न ब्लाकों पर स्थित सीएचसी एवं पीएचसी पर पहुंचा दिया गया जिसमें बिल बाउचर्स सीएमएसडी स्टोर के नाम से न काटकर आपूर्तिकर्ता फर्मों के नाम सीधे काटा गया ताकि उक्त साामन की जांच न हो सके” के दृष्टिगत शिकायती पत्र में उल्लिखित अधिकारियों/ कर्मियों यथा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (भण्डार) डॉ० वीरेन्द्र कुमार, स्टोरकीपर पारसनाथ राम एवं रणजीत बहादुर यादव (संविदा) के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में की गयी गम्भीर प्रकृति की शिकायत का व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेते हुए प्रश्नगत प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कराने का कष्ट करें।
ऐसा नहीं कि, मुकेश और उससे जुड़े हुए लोगों की शिकायत पहली बार डिप्टी सीएम से की गयी है। सत्ताधारी कई विधायकों ने भी मुकेश और उसकी फार्मों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की गयी है लेकिन इन सबके बाद भी मुकेश और उससे जुड़ी हुई फर्में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आशीर्वाद से विभाग में बड़े टेंडर और ठेका हासिल कर रही हैं।
क्या भ्रष्टाचारी को बचा रही है अदृश्य शक्ति
तमाम शिकायतों के बाद भी आखिर मुकेश श्रीवास्तव को कौन सी अदृश्य शक्ति बचाने में जुटी हुई है। पर्दाफाश न्यूज को इस अदृश्य शक्ति के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसका जल्द खुलासा किया जाएग कि आखिर भ्रष्टाचारी को बचाने में इस अदृश्य शक्ति का क्या रोल है?