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अब काशी, पूर्वांचल के बड़े आरोग्य केंद्र, हेल्थकेयर हब के रूप में भी विख्यात हो रहा : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं, जहां उन्होंने आरजे शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया। साथ ही वो यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किए। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, इस पावन महीने में काशी आना एक पुण्य अनुभूति का अवसर होता है।

By शिव मौर्या 
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PM Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं, जहां उन्होंने आरजे शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया। साथ ही वो यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किए। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, इस पावन महीने में काशी आना एक पुण्य अनुभूति का अवसर होता है। यहां अपने काशीवासी तो हैं ही, संतजनों और परोपकारियों का भी संग है। इससे सुखद संयोग और क्या हो सकता है। अभी मुझे परमपूज्य शंकराचार्य जी के दर्शन का, प्रसाद पाने का और आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। उनके आशीर्वाद से ही आज काशी को, पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में आरजे शंकर नेत्र अस्पताल जन-जन को समर्पित है।

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उन्होंने कहा, आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल वाराणसी और इस क्षेत्र के अनेकों लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। ये अस्पताल बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और बच्चों को भी रोशनी देगा। यहां बहुत बड़ी संख्या में गरीबों को मुफ्त इलाज मिलने वाला है। ये अस्पताल, यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लेकर आया है। काशी की पहचान अनंतकाल से धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी, यूपी के, पूर्वाचल के बड़े आरोग्य केंद्र, हेल्थकेयर हब के रूप में भी विख्यात हो रहा है। मुझे संतोष है कि बीते दशक में काशी ही नहीं, पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक केंद्र काम कर रहे हैं।

साथ ही कहा, पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत, पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं को जमकर नजरअंदाज किया गया। हालात ये थे कि 10 वर्ष पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार नहीं थे। बच्चों की मृत्यु होती थी, मीडिया में हो हल्ला होता था, लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थीं। आज आरोग्य से जुड़ी भारत की रणनीति के पांच स्तंभ हैं-प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, यानी बीमारी होने से पहले का बचाव। समय पर बीमारी की जांच। मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं। छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना। स्वास्थ्य सेवा में टेक्नॉलॉजी का विस्तार।

 

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