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अब आईएएस अभिषेक प्रकाश की संपत्ति की होगी विजिलेंस जांच, भ्रष्टाचार की वजह से सीएम योगी ने किया निलंबित

एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी (SAEL Solar Power Company) का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किए गए इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash, CEO of Invest UP) की संपत्ति की जांच की जाएगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी (SAEL Solar Power Company) का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किए गए इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash, CEO of Invest UP) की संपत्ति की जांच की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, नियुक्ति विभाग (Appointment Department) ने इस संबंध में गृह विभाग (Home Department) को पत्र भेज दिया है।

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गोमतीनगर के विराम खंड निवासी बिचौलिए निकांत जैन को हुसड़िया चौराहे के पास से गिरफ्तार

आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) पर एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी (SAEL Solar Power Company) का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए घूस मांगने का आरोप है। इस मामले में सोलर कंपनी की ओर से राजधानी के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के साथ गोमतीनगर के विराम खंड निवासी बिचौलिए निकांत जैन (Vira Khand resident middleman Nikant Jain) को हुसड़िया चौराहे (Husadiya Crossroads) के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash)  ने कंपनी संचालकों से निकांत जैन (Nikant Jain)  से संपर्क करने को कहा था। मूल रूप से मेरठ के शांतिनगर निवासी निकांत जैन (Nikant Jain) ने प्रोजेक्ट को मंजूर करने के लिए उसकी कुल लागत की पांच फीसदी रकम रिश्वत के रूप में मांगा था। जिसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दास ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से इसकी शिकायत की थी।

उन्होंने शिकायत में कहा था कि उनके ग्रुप ने यूपी में सोलर सेल और सोलर ऊर्जा से संबंधित कलपुर्जे बनाने का संयत्र स्थापित करने के लिए इंवेस्ट यूपी के कार्यालय में आवेदन किया था। उन्होंने ऑनलाइन तरीके से भी प्रार्थना पत्र भेजा था। मूल्यांकन समिति की बैठक में उनके प्रोजेक्ट पर विचार करने से पहले इंवेस्ट यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्राइवेट व्यक्ति श्री जैन का नंबर दिया और उनसे बात करने को कहा।

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उन्होंने कहा कि बात करने के बाद उनका मामला एम्पावर्ड कमेटी और कैबिनेट में तुरंत अनुमोदित हो जाएगा। उनके कहने पर मैंने जैन नामक व्यक्ति से बात की, जिसने 5 फीसद कमीशन देने की बात कही और एडवांस मांगा। मेरे ग्रुप के मालिक इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से मिल चुके थे, जिसकी वजह से मैंने पैसा देने से मना कर दिया।

बाद में मुझे पता चला कि मेरे मामले में संस्तुति के बावजूद पत्रावली में प्रकरण को टाल दिया गया है। जैन से बात करने पर उसने कहा कि मैं और मेरे मालिक चाहे जितना भी प्रयास कर लें, उन्हें हमारे पास ही आना होगा, अन्यथा काम नहीं होगा। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि मेरे मालिक इस प्रोजेक्ट को दूसरे प्रदेश में ले जा सकते हैं। लिहाजा इन लोगों पर कार्रवाई करने के साथ प्रोजेक्ट को मंजूर किया जाए।

जांच में सही पाए गए आरोप, सीएम योगी ने दिया निलंबित करने का आदेश

मुख्य सचिव से शिकायत के बाद जब इस प्रकरण की गोपनीय जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए। जिसके बाद पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने तत्काल इंवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash, CEO of Invest UP)  को निलंबित करने और पूरे प्रकरण की जांच के लिए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस ने बिचौलिए निकांत जैन को चिन्हित करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।

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