पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 (Jagannath Rath Yatra 2025 ) के दौरान भगदड़ की घटना के बाद ओडिशा सरकार (Odisha Government) ने बड़ा कदम उठाया है। ओडिशा सरकार ने पुरी के जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है।
ओडिशा । पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 (Jagannath Rath Yatra 2025 ) के दौरान भगदड़ की घटना के बाद ओडिशा सरकार (Odisha Government) ने बड़ा कदम उठाया है। ओडिशा सरकार ने पुरी के जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है। यह कार्रवाई भीड़ प्रबंधन में चूक और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित न कर पाने के कारण की गई।
सीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया गया है। वहीं डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। चंचल राणा को पुरी का नया जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जबकि पिनाक मिश्रा ने नए एसपी का कार्यभार दिया गया है। सीएम माझी ने विकास आयुक्त की देखरेख में मामले की प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए।
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के बाद रविवार तड़के करीब 4 बजे भगदड़ मच गई। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 घायल हैं। घायलों में 6 की हालत गंभीर है। नए डीएम और एसपी की नियुक्ति जल्द की जाएगी, और सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है।
हादसा जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) से करीब 3 किमी दूर गुंडिचा मंदिर (Gundicha Temple) के सामने हुआ। यहां भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ जुटी थी, इसी दौरान भगदड़ मची। CM मोहन चरण माझी (CM Mohan Charan Majhi) ने पुरी में हुई भगदड़ की घटना पर माफी मांगी है। उन्होंने X पर लिखा,‘मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। यह लापरवाही माफ करने लायक नहीं है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा चूक की तुरंत जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, लोगों में दर्शन की लग गई होड़
पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को उनकी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने 9 दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है। यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गई। इसी दौरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लोग कुचल गए। बताया जा रहा है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था। हादसे में मारे गए लोगों के नाम बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास हैं। इनके शव पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गए हैं।
बता दें कि इससे पहले 27 जून को रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के बीच भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसमें 600 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए। कई लोग धक्का-मुक्की और गर्मी के कारण बेहोश हो गए थे। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।