देश में टमाटर की कीमतों (Tomato prices) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी ने लोगों की जेब पर तगड़ा प्रहार किया है। कई शहरों में टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। वहीं, टमाटर के बढ़ते दाम की मार झेल रहे लोगों के लिए एक और टेंशन बढ़ाने वाली खबर है।
नई दिल्ली। देश में टमाटर की कीमतों (Tomato prices) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी ने लोगों की जेब पर तगड़ा प्रहार किया है। कई शहरों में टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। वहीं, टमाटर के बढ़ते दाम की मार झेल रहे लोगों के लिए एक और टेंशन बढ़ाने वाली खबर है। दरअसल, टमाटर के बाद अब देश के कई शहरों में प्याज के दाम (Onion price) भी बढ़ सकते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra) के पांच क्षेत्रों में पिछले महीने प्याज की खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गयी हैं, राहत की बात यह कि ये कीमत पिछले साल की तुलना में कम है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में प्याज की औसत खुदरा मूल्य (Average Retail Price of Onion) 35.88 रुपये, 2021 में औसत खुदरा मूल्य 32.52 और 2022 में 28.00 रुपये प्रति किलो थीं।
इस साल भी पिछले साल की तरह प्याज की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। लेकिन आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकती है। कुछ व्यापारियों (Merchants) का मानना है कि मानसून (Monsoon) के कारण प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे इस साल दिसंबर तक प्याज की आपूर्ति में कमी आ सकती है।
केंद्र सरकार ने खरीदे स्टॉक
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने करीब दो महीने पहले किसानों से करीब 0.14 मिलियन टन प्याज का स्टॉक (Onion stock) खरीदा है। इसके अलावा अप्रैल में केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने 2023-24 सीजन के लिए 3 लाख टन प्याज बफर स्टॉक खरीदने की बात कही थी। पिछले सीजन 2022-23 के लिए 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक में रखे गए थे।
बफर स्टॉक (Buffer Stock) को किसी भी आंकड़ें को पूरा करने के लिए और कीमतों को स्थिर करने के लिए रखा जाता है। बफर स्टॉक तब खरीदा जाता है जब आपूर्ति कम हुई हो और कीमतें बढ़ रही हों। वहीं, सरकार की ओर से इस महीने की शुरुआत में कहा गया था कि 2021-22 में प्याज का उत्पादन 31.69 मिलियन टन से गिरकर 31.01 मिलियन टन होने का अनुमान है।
गौरतलब है कि रबी प्याज (Onion) की कटाई अप्रैल के दौरान की जाती है, जिसे वह अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई तक उपभोक्ता (Consumer) की मांग को पूरा करता है।