राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के एक बयान ने विपक्षी एकता को बड़ा झटका दिया है। शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर विपक्षी नेताओं द्वारा जेपीसी के गठन की मांग पर सवाल खड़ा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की इस मांग से खुद को अलग कर लिया है और कहा कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है।
नई दिल्ली। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के एक बयान ने विपक्षी एकता को बड़ा झटका दिया है। शरद पवार (Sharad Pawar) ने अडानी मुद्दे पर विपक्षी नेताओं द्वारा जेपीसी के गठन की मांग पर सवाल खड़ा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की इस मांग से खुद को अलग कर लिया है और कहा कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है।
पवार (Sharad Pawar) ने आगे कहा, मेरी पार्टी ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी का समर्थन किया है, लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी पर सत्तासीन पार्टी का कब्जा रहेगा, इसलिए इससे सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी। तो मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल ज्यादा बेहतर तरीके से सच्चाई सामने ला सकता है।
इसके साथ ही शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि आज कल अंबानी और अडानी का नाम सरकार की आलोचना के लिए इस्तेमाल होने लगा है लेकिन हमें यह देश के लिए उनके योगदान के बारे में सोचना चाहिए। मुझे लगता है कि हमारे लिए बेरोजगारी, महंगाई और किसानों का मुद्दा ज्यादा अहम है।
इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी उन्होंने अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि, विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर एक संयुक्त बैठक की, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कुछ मसलों पर हमारी सहमति नहीं थी और हमने उन बातों को लेकर अपने विचार भी रखे।