रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक चाणक्यपुरी नई दिल्ली में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक चाणक्यपुरी नई दिल्ली में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही कहा, पुलिस स्मृति दिवस देश की सुरक्षा में अपने आप को समर्पित कर देने वाले हमारे पुलिस, और सभी Paramilitary forces के जवानों के त्याग को याद करने का दिन है। मैं भारत के नागरिकों की सुरक्षा में, अपने प्राणों को आहूत कर देने वाले सुरक्षा बलों को, श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
उन्होंने आगे कहा, समाज और पुलिस, ये दोनों एक-दूसरे पर समान रूप से निर्भर हैं। कोई भी समाज तभी शांति और प्रगति की ओर बढ़ सकता है, जब उसके भीतर सुरक्षा, न्याय और विश्वास की भावना सुदृढ़ हो। पुलिस व्यवस्था तभी प्रभावी रूप से काम कर सकती है, जब समाज के नागरिक पुलिस के सहयोगी के रूप में काम करते हैं, और कानून का सम्मान करते हैं। जब समाज और पुलिस के बीच संबंध mutual understanding और responsibility पर आधारित होते हैं, तब समाज, और पुलिस बल, दोनों समृद्ध होते हैं।
उन्होंने कहा कि, आज जब भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है और हम 2047 तक विकसित भारत का सपना देख रहे हैं, तो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा में संतुलन बनाए रखना पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि, आज पुलिस को सिर्फ अपराध से नहीं, बल्कि छवि से भी लड़ना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि हमारी पुलिस न केवल अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि नैतिक कर्तव्यों का भी पालन कर रही है। जनता को आज यह भरोसा है कि अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस उनके साथ खड़ी होगी।
साथ ही कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज और देश के रूप में हमने लंबे समय तक पुलिस के योगदान को पूरी तरह से सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हम वह सकारात्मक प्रयास नहीं कर पाए जो पुलिस के बलिदान को याद रखने के लिए करने चाहिए थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना कर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया।