देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच ऑक्सीजन की भी मांग बढ़ गयी है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऑक्सीजन की कमी देश के बड़े शहरों के साथ ही गांवा और कस्बों में भी बढ़ गया है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच ऑक्सीजन की भी मांग बढ़ गयी है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऑक्सीजन की कमी देश के बड़े शहरों के साथ ही गांवा और कस्बों में भी बढ़ गया है।
केंद्री की योजना के आधार पर अगर अनुमान लगाया जाए तो पूरे देश में करीब 6.9 लाख से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है, वहीं एक लाख से अधिक ऑक्सीजन बेड और आईसीयू की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि इन सभी को एक समय में एक साथ ऑक्सीजन बेड की जरूरत नहीं होगी।
केंद्र के अनुसार, आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति के आकलन के लिए रोगियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, पहले, 80 फीसदी मामले जो हल्के होते हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।
दूसरे, 17 फीसदी मामले जो मध्यम हैं और जिन्हें गैर-आईसीयू बेड पर प्रबंधित किया जा सकता है और तीसरे, 3 फीसदी ऐसे मामले हैं जो गंभीर आईसीयू मामले हैं। वहीं ऑक्सीजन की बात करें तो कुछ के लिए आवश्यक ऑक्सीजन 10 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) से कम हो सकती है, जबकि अन्य के लिए यह 20 LPM या उससे अधिक तक जा सकती है, लेकिन सभी 20 फीसदी सक्रिय मामलों में ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी।