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पी चिदंबरम बोले- आखिर सैकड़ों विपक्षी नेताओं के फोन की जासूसी करने में दिलचस्पी किसकी? पेगासस रहस्य आज तक है अनसुलझा

देश में विपक्षी नेताओं के Apple आईफोन पर आए अलर्ट के बाद बवाल मचा हुआ है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने भी सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष सरकार के ऊपर हमलावर है। वहीं, Apple और आईटी मंत्री पूरे मामले पर जवाब दे चुके हैं। बीजेपी (BJP) ने सरकार पर लगे जासूसी के आरोपों को "निराधार और झूठा" करार दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में विपक्षी नेताओं के Apple आईफोन पर आए अलर्ट के बाद बवाल मचा हुआ है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने भी सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष सरकार के ऊपर हमलावर है। वहीं, Apple और आईटी मंत्री पूरे मामले पर जवाब दे चुके हैं। बीजेपी (BJP) ने सरकार पर लगे जासूसी के आरोपों को “निराधार और झूठा” करार दिया है।

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विपक्षी नेताओं का कहना है कि एप्पल की तरफ से एक अलर्ट मिला है जोकि स्टेट स्पांसर्ड अटैक हो सकता है। इसके बाद बवाल मच गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार सुबह सरकार पर हमला बोला और सवाल किया कि विपक्षी नेताओं के फोन से जासूसी करने में किसकी दिलचस्पी होगी? बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी,एआईएमआईएम असद्दुीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा सहित कई विपक्षी नेताओं ने एप्पल के अलर्ट मैसेज के स्क्रीनशॉट शेयर किए और जासूसी का आरोप लगाया है।

पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि ये निर्विवाद है कि सैकड़ों विपक्षी नेताओं को एप्पल से उनके फोन पर जासूसी करने के राज्य-प्रायोजित प्रयास की चेतावनी मिली। केवल विपक्षी नेता ही क्यों? विपक्षी नेताओं के फोन से जासूसी करने में किसकी दिलचस्पी होगी? पेगासस रहस्य (आज तक नहीं सुलझा) के बाद संदेह की उंगली एक सरकारी एजेंसी की ओर उठ रही है। फिलहाल ये सिर्फ आशंका है।

Apple ने दिया स्पष्टीकरण

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इस पूरे विवाद पर एप्पल ने सफाई दी और बताया कि कंपनी किसी भी तरह की स्टेट स्पांसर्ड अटैक की जानकारी नहीं मुहैया कराती है। साथ ही साथ यह भी कहा कि अलार्म अलर्ट की सूचना गलत भी हो सकती है। राज्य-प्रायोजित अटैक बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित होते हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है। हालांकि Apple ने ये भी कहा कि कुछ अटैक का पता नहीं चल पाता है।

वहीं, सरकार का कहना है कि वह सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी भूमिका को बहुत गंभीरता से लेती है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक डिटेल में जांच करने के आदेश दिए हैं। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने विवाद बढ़ने के कुछ ही घंटों के भीतर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और वह इसकी तह तक जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच सेर्ट-इन द्वारा की जाएगी।

आईटी मंत्री ने गांधी परिवार को निशाने पर लिया

उन्होंने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में कुछ आलोचक हैं। ये लोग देश का विकास नहीं देख सकते क्योंकि जब उनका परिवार सत्ता में था तो वे केवल अपने बारे में सोचते थे। मेल के जरिए एप्पल ने 150 देशों में ये एडवाइजरी जारी की है। इससे ये समझा जा सकता है कि उनके पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, उन्होंने एक अनुमान के आधार पर अलर्ट भेजा है।

बीजेपी (BJP) ने सरकार पर लगे जासूसी के आरोपों को “निराधार और झूठा” करार दिया है। पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री (Former Union IT Minister) व बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Senior BJP leader Ravi Shankar Prasad) ने विपक्षी नेताओं से सरकार के खिलाफ आरोप लगाने के बजाय एप्पल के साथ मामला उठाने को कहा। उन्होंने विपक्षी नेताओं सहित कुछ लोगों के फोन हैक करने के लिए पेगासस मैलवेयर के कथित उपयोग पर विवाद को याद किया और कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने इस मामले को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष अपना आईफोन जमा करने से इनकार कर दिया था।

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