समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत कई गोलियों के लगने से हुई थी। इसकी पुष्टि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित भारतीय दूतावास ने की है। काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार 18 जुलाई को दानिश सिद्दीकी का मृत्यु प्रमाण-पत्र में जानकारी दी कि उन्हें कई गोलियां लगी थीं।
नई दिल्ली। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत कई गोलियों के लगने से हुई थी। इसकी पुष्टि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित भारतीय दूतावास ने की है। काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार 18 जुलाई को दानिश सिद्दीकी का मृत्यु प्रमाण-पत्र में जानकारी दी कि उन्हें कई गोलियां लगी थीं।
रॉयटर्स के फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से ही मास कम्युनिकेशन किया था। काबुल से दानिश का पार्थिव शरीर लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली पहुंच गई है। जामिया ने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए यूनिवर्सिटी परिसर में दफ़नाने की अनुमति दी है।
बता दें कि जामिया के कब्रिस्तान में अब तक इसके कर्मचारियों, उनके पार्टनर या फिर नाबालिग बच्चों के शवों को ही दफनाया जाता रहा है। ये कब्रिस्तान इन्हीं लोगों के शवों के लिए ही रिजर्व रहता है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने मृतक के परिवार के आग्रह को स्वीकार करते हुए ये ऐलान किया है। यूनिवर्सिटी के जन संपर्क अधिकारी अहमद अज़ीम ने कहा कि कुलपति ने परिवार के आग्रह को स्वीकार कर लिया है।
दानिश सिद्दीकी के अब्बा मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी ‘जामिया फैकेल्टी ऑफ एजुकेशन’ में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थे। वह जामिया नगर में ही रहते हैं। दानिश सिद्दीकी ने जामिया से ही अर्थशास्त्र में स्नातक और मासकॉम से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली थी। कुलपति नजमा अख्तर ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना भी दी। मंगलवार को जामिया में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान दानिश सिद्दीकी की तस्वीरों का एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।