अयोध्या में बुधवार को रामनवमी के मौके पर रामलला का भव्य 'सूर्य तिलक' (Surya Tilak) का आयोजन हुआ। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। सभा को संबोधित करने के बाद उन्होंने हेलीकॉप्टर में इस अभिषेक को अपने टैब पर देखा। इस दौरान भावुक पीएम मोदी ने अपने जूते उतार रखे थे और एक हाथ अपने सीने से लगाकर रामलला की अराधना करते दिखे।
अयोध्या। अयोध्या में बुधवार को रामनवमी के मौके पर रामलला का भव्य ‘सूर्य तिलक’ (Surya Tilak) का आयोजन हुआ। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। सभा को संबोधित करने के बाद उन्होंने हेलीकॉप्टर में इस अभिषेक को अपने टैब पर देखा। इस दौरान भावुक पीएम मोदी ने अपने जूते उतार रखे थे और एक हाथ अपने सीने से लगाकर रामलला की अराधना करते दिखे।
पीएम मोदी ने इस पल की दो तस्वीरें भी जारी की हैं। उन्होंने लिखा कि नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।
नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा। pic.twitter.com/QS3OZ2Bag6
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024
बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। दोपहर 12 बजे करीब सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ीं और दर्पण व लेंस से जुड़े एक विस्तृत तंत्र द्वारा उनका ‘सूर्य तिलक’ हुआ। इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने मंगलवार को किया। इसे ”सूर्य तिलक परियोजना” का नाम दिया गया था।
इससे पहले, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ एस के पाणिग्रही ने को बताया कि ‘सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य रामनवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है। परियोजना के तहत, रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी लाई गई।
उन्होंने बताया कि ‘सूर्य तिलक परियोजना के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा और हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है।