प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को e-RUPI सेवा को लांच किया। उन्होंने कहा कि, आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। e-RUPI वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को e-RUPI सेवा को लांच किया। उन्होंने कहा कि, आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। e-RUPI वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि, सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय eRUPI दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि eRUPI, एक तरह से Person के साथ-साथ Purpose Specific भी है।
जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये eRUPI सुनिश्चित करने वाला है। उन्होंने कहा कि, पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि technology तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम? जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे।
लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है। आज देश की सोच अलग है, नई है। आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि, भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि technology को adopt करने में, उससे जुडने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं। Innovations की बात हो, service डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की। आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है। इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2300 करोड़ रुपए उन्हें दिए गए हैं।