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पीएम मोदी ने लाल किले से सुप्रीम कोर्ट को सराहा, सीजेआई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर किया अभिवादन

भारत आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से दसवां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने मणिपुर से लेकर परिवारवाद तक का अपने भाषण में जिक्र किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भारत आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से दसवां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने मणिपुर से लेकर परिवारवाद तक का अपने भाषण में जिक्र किया। वहीं पीएम ने अदालती फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)   की सराहना की।

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बढ़ रहा मातृभाषा का महत्व

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)  कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे। उन्होंने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को हाथ जोड़कर स्वीकार किया और अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  को भी धन्यवाद देता हूं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा किसी की मातृभाषा में होगा। मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है।

शासन की संस्थाएं संवैधानिक सीमाओं के भीतर कार्य करें

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि हमारे लिए इस तथ्य को पहचानना महत्वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  बार, देश की अग्रणी बार के रूप में, कानून के शासन की सुरक्षा के लिए खड़ा है। हमारा संविधान यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करता है कि शासन की संस्थाएं परिभाषित संवैधानिक सीमाओं के भीतर कार्य करें।

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10 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किए जा रहे सुप्रीम कोर्ट के फैसले

सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud)  ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। गणतंत्र दिवस और अपने स्थापना दिवस को और यादगार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने 26 जनवरी को एक हजार से ज्यादा फैसलों का दस भाषाओं में अनुवाद जारी कर इसकी शुरुआत की थी, इनमें हिंदी के अलावा ओड़िया, गुजराती, तमिल, असमी, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बांग्ला में भी किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच में मदद करेगा।

प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सीजेआई ने दिया जोर

इस बारे में मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ CJI DY Chandrachud)  ने कहा था कि अगला कदम हर भारतीय भाषा में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के फैसलों की अनुवादित प्रतियां उपलब्ध कराना है और उन्होंने अदालतों को भारत भर के नागरिकों तक पहुंचने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। सीजेआई ने कहा कि हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल जिसे हाल ही में अपनाया है वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करना है।

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