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अंबेडकर-अखिलेश के पोस्टर पर छिड़ा सियासी घमासान, भाजपा और बसपा ने सपा-कांग्रेस को घेरा

Ambedkar-Akhilesh poster controversy: लखनऊ में सपा कार्यालय के सामने लगाए गए एक पोस्टर को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। जिसमें संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आधा चेहरा एक साथ दिखाया गया है। भाजपा और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पोस्टर को लेकर सपा व कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। दोनों पार्टियों ने इसे बाबा साहब का अपमान बताया है।

By Abhimanyu 
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Ambedkar-Akhilesh poster controversy: लखनऊ में सपा कार्यालय के सामने लगाए गए एक पोस्टर को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। जिसमें संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आधा चेहरा एक साथ दिखाया गया है। भाजपा और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पोस्टर को लेकर सपा व कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। दोनों पार्टियों ने इसे बाबा साहब का अपमान बताया है।

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दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का ये पोस्टर लोहिया वाहिनी ने लगवाया है, जिसमें बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर, उस हिस्से में अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई गई है। इसकी आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘समाजवादी पार्टी के एक पोस्टर में आधा चेहरा बाबा साहब का और आधा चेहरा अखिलेश यादव का दिखाया गया है। यह बाबा साहब अंबेडकर का अपमान है। वे इस फोटो को दिखाकर दलितों के वोट लेने की कोशिश कर रहे हैं… अखिलेश यादव भ्रम में जी रहे हैं।’

मेघवाल ने आगे कहा, ‘बाबा साहब को 1952 में पहला चुनाव और फिर 1953 में उपचुनाव हारने के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार थी। अखिलेश यादव अब कांग्रेस के साथ हैं। दलित समाज अखिलेश यादव का समर्थन कैसे कर सकता है। अखिलेश यादव और उनके परिवार के सदस्य ओबीसी आरक्षण के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं, हालांकि राजीव गांधी ने इसका कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इसके खिलाफ लोकसभा में 2.43 घंटे तक भाषण दिया था।’

मायावती ने भी सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सभी पार्टियों को एकजुट होकर सरकार के हर कदम के साथ खड़े होना चाहिए, ना कि इसकी आड़ में पोस्टरबाजी व बयानबाजी आदि के जरिए घिनौनी राजनीति की जानी चाहिए, क्योंकि इससे लोगों में कन्फ्यूज़न पैदा हो रहा है, जो देशहित में ठीक नहीं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘साथ ही, इस प्रकरण में भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का भी अपमान कतई ना किया जाए। ख़ासकर सपा व कांग्रेस को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, वरना बीएसपी इनके विरुद्ध सड़कों पर भी उतर सकती है।’

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