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निजी एंबुलेंस का किराया फ्लाइट से महंगा, मरीजों संग दलाली का चल रहा गठन

उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में निजी एंबुलेंस  की सेवा फ्लाइट से भी महंगी है। ये तो सच है कि इनमें फैसिलिटी भले ही फ्लाइट से अच्छी न हों लेकिन किराया तो है।  लखनऊ से दिल्ली तक लगभग 550 किमी दूरी के लिए आपको आठ से 10 हजार रुपये में रिटर्न टिकट मिल जाएगा। वहीं इसी  दूरी के लिए निजी एंबुलेंस को 14 से 22 हजार रुपये देने होंगे। साधारण से लेकर लाइफ सपोर्ट सुविधाओं वाली एंबुलेंस में ये रेट अलग-अलग हो सकते हैं।

By Aakansha Upadhyay 
Updated Date

उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में निजी एंबुलेंस  की सेवा फ्लाइट से भी महंगी है। ये तो सच है कि इनमें फैसिलिटी भले ही फ्लाइट से अच्छी न हों लेकिन किराया तो है।  लखनऊ से दिल्ली तक लगभग 550 किमी दूरी के लिए आपको आठ से 10 हजार रुपये में रिटर्न टिकट मिल जाएगा। वहीं इसी  दूरी के लिए निजी एंबुलेंस को 14 से 22 हजार रुपये देने होंगे। साधारण से लेकर लाइफ सपोर्ट सुविधाओं वाली एंबुलेंस में ये रेट अलग-अलग हो सकते हैं।

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भले ही आप इस बात को इतना आसानी से न समझ पाएँ लेकिन ये सच है। बता दें एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को तीन सरकारी अस्पतालों के बाहर मौजूद निजी एंबुलेंस से मरीज को ले जाने के लिए रेट की बात की गई, जिसकी दास्तां हूबहू है।

निजी एंबुलेंस चालक चला रहे सिंडिकेट
वहीं सूत्रों ने कहा  कि निजी एंबुलेंस चालकों ने मरीजों की दलाली का सिंडिकेट बना रखा है। सरकारी अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट कराने में इनकी सबसे अहम भूमिका होती है। इसके बदले निजी अस्पताल इन्हें मोटा कमीशन देते हैं। ऐसे कई मामले पहले सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग यह सिंडिकेट तोड़ नहीं पा रहा है। अहम बात यह है कि जिम्मेदार सरकारी अस्पतालों के बाहर से इन निजी एंबुलेंसों को हटा भी नहीं पाते हैं।

कोविड के दौरान तय हुए थे रेट
कोविड के दौरान एंबुलेंसों की मनमानी बढ़ गई थी। उस दौर में ऑक्सीजन सिलेंडर का रेट बहुत अधिक था। तब स्वास्थ्य विभाग ने रेट का खाका तैयार किया था। जिलाधिकारी ने रेट पर मुहर लगाई थी। 10 किमी दायरे में एंबुलेंस के लिए 500 रुपये रेट तय हुआ था। कोविड के बाद से दोबारा एंबुलेंस के रेट तय नहीं किए गए। इसका फायदा निजी एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं।

 

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