प्रियंका गांधी ने कहा, आप जानते हैं कि हम किस समय में रह रहे हैं। केंद्र में भाजपा सरकार है। जहां विभिन्न समुदायों के बीच भय, अविश्वास और गुस्सा फैला हुआ है। आपने अल्पसंख्यकों पर हमले देखे हैं, मणिपुर में क्या हुआ? आपने यह बार-बार देखा है कि कैसे यह सरकार संगठित, योजनाबद्ध तरीके से नफरत और गुस्सा फैलाती है। हमारे संविधान के मूल्यों को लगातार नष्ट किया जा रहा है।
वायनाड। वायनाड से लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी सोमवार को मीनांगडी में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आप सभी ने मुझे जो अपार प्यार दिखाया है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। कुछ दिन पहले, मैं अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए वायनाड आई थी। मैं रात को अपने होटल पहुंच रही थी, तभी मैंने कुछ लोगों को खड़े देखा, तो मैं रुक गई और उनसे बात करने लगी। उनमें से एक सेना से थे।
उन्होंने कहा कि वह अपनी नौकरी के दौरान पूरे देश में घूमे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां मुझसे मिलना चाहती थीं, लेकिन वह वहां तक चल नहीं सकती थीं, इसलिए मैंने उनसे मुझे अपने घर ले चलने को कहा ताकि मैं उनसे मिल सकूं। उसने मुझे पहले कभी व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा था, लेकिन जब वह मुझसे मिली तो उसने मुझे ऐसे गले लगाया जैसे मैं उसका अपना बच्चा हूं।
जिस तरह से उन्होंने मुझे पकड़ रखा था और मेरी मां ने मुझे जिस तरह से पकड़ रखा था, उसमें मुझे कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। वह मुझे अपने घर के अंदर ले गईं और मुझे एक माला दी और मुझसे कहा कि इसे मैं अपनी मां को दे दूं। मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने वायनाड में कदम भी नहीं रखा है, और मेरी पहले से ही एक मां है। वायनाड में कदम रखते ही आप सभी ने मुझे यही प्यार दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा, आप जानते हैं कि हम किस समय में रह रहे हैं। केंद्र में भाजपा सरकार है। जहां विभिन्न समुदायों के बीच भय, अविश्वास और गुस्सा फैला हुआ है। आपने अल्पसंख्यकों पर हमले देखे हैं, मणिपुर में क्या हुआ? आपने यह बार-बार देखा है कि कैसे यह सरकार संगठित, योजनाबद्ध तरीके से नफरत और गुस्सा फैलाती है। हमारे संविधान के मूल्यों को लगातार नष्ट किया जा रहा है।
इस बीच, जनता की भलाई के बजाय पीएम के करीबी दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए लगातार नीतियां बनाई जा रही हैं। हमारे किसानों के लिए कोई दया नहीं है, जो दिन भर खेतों में मेहनत करते हैं। जनजातीय लोगों की परंपराओं की कोई समझ और सम्मान नहीं है, क्योंकि उनकी जमीनें उनसे छीन ली जाती हैं और बड़े व्यापारियों को दे दी जाती हैं।