राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उद्घाटन और प्रचार तभी अच्छे हैं जब उनके पीछे ऐसी बुनियाद हो जो जनता की सेवा के लिए असल में काम करे। जब सार्वजनिक संपत्ति के रख-रखाव के अभाव और उपेक्षा के कारण लोगों की जान जाने लगे और पुल, प्लेटफार्म या मूर्तियां रिबन काटने के साथ ही गिरने लगें, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
नई दिल्ली। मुंबई के बांद्रा टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर चढ़ते समय यात्रियों के भीड़ बढ़ने से अफरा तफरी मच गयी। ये वाकया बांद्रा-गोरखपुर ट्रेन में चढ़ने के दौरान हुआ। इस दौरान भगदड़ में 10 लोग घायल हो गए। इस घटना पर कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, हाल ही में मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर हुई भगदड़, भारत के ढहते बुनियादी ढांचे की कड़ी में सबसे ताज़ा उदाहरण है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उद्घाटन और प्रचार तभी अच्छे हैं जब उनके पीछे ऐसी बुनियाद हो जो जनता की सेवा के लिए असल में काम करे। जब सार्वजनिक संपत्ति के रख-रखाव के अभाव और उपेक्षा के कारण लोगों की जान जाने लगे और पुल, प्लेटफार्म या मूर्तियां रिबन काटने के साथ ही गिरने लगें, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
उद्घाटन और प्रचार तभी अच्छे हैं जब उनके पीछे ऐसी बुनियाद हो जो जनता की सेवा के लिए असल में काम करे। जब सार्वजनिक संपत्ति के रख-रखाव के अभाव और उपेक्षा के कारण लोगों की जान जाने लगे और पुल, प्लेटफार्म या मूर्तियां रिबन काटने के साथ ही गिरने लगें, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 27, 2024
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हाल ही में मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर हुई भगदड़, भारत के ढहते बुनियादी ढांचे की कड़ी में सबसे ताज़ा उदाहरण है। पिछले साल जून में बालासोर ट्रेन हादसे में 300 लोगों की जान चली गई, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा देने के बजाय भाजपा सरकार ने उन्हें लंबे कानूनी दांव-पेंच में उलझा दिया है। सोचिए ज़रा जब छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति तक मात्र 9 महीने में गिर जाती है, इसका साफ मतलब है इरादा सिर्फ प्रचार था-इसमें न ही शिवाजी महाराज का सम्मान था और न जनता की सुरक्षा का ध्यान।
साथ ही लिखा, आज देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है जो गरीबों की स्थानीय जरूरतों का भी ध्यान रखें-जो व्यापार को सरल, यात्रा को सुगम और लोगों को सुरक्षित रखे। भारत सक्षम है, समर्थ है – हमें बस ज़रूरत है प्रभावी और पारदर्शी सिस्टम की जिसका लक्ष्य जनसेवा हो और फोकस देश के मजबूत भविष्य की बुनियाद।