लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक्स पर लिखा कि यह 'कुर्सी बचाओ' बजट (“Kursi Bachao” Budget) है। उन्होंने कहा कि इस बजट में सहयोगी दलों को खुश करना और अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किया है।
Union Budget 2024 : मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट 2024 वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में बजट पेश कर दिया है। इस बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक्स पर लिखा कि यह ‘कुर्सी बचाओ’ बजट (“Kursi Bachao” Budget) है। उन्होंने कहा कि इस बजट में सहयोगी दलों को खुश करना और अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किया है।
“Kursi Bachao” Budget.
– Appease Allies: Hollow promises to them at the cost of other states.
– Appease Cronies: Benefits to AA with no relief for the common Indian.
– Copy and Paste: Congress manifesto and previous budgets.
पढ़ें :- प्रियंका गांधी ने धक्का-मुक्की मामले में राहुल का किया समर्थन; बोलीं- वे कभी किसी को धक्का नहीं दे सकते
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2024
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि मित्रों को खुश करना है। एए (अडानी अंबानी) को लाभ,लेकिन आम भारतीयों को कोई राहत नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट कॉपी और पेस्ट है।
पूरा बजट दो प्रदेशों और दो विशेष राजनीतिक दलों को तवज्जो देने के लिए था, क्योंकि सरकार को अपनी कुर्सी बचानी है : गौरव गोगोई
वित्त मंत्री का ये बजट बहुत ही निराशाजनक था। ये पूरा बजट सरकार की कमजोरी और अस्थिरता का उदाहरण था।
पूरा बजट दो प्रदेशों और दो विशेष राजनीतिक दलों को तवज्जो देने के लिए था, क्योंकि सरकार को अपनी कुर्सी बचानी है।
इसमें मध्यम वर्ग, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं था।… pic.twitter.com/NyQdAK6lDi
— Congress (@INCIndia) July 23, 2024
लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि वित्त मंत्री का ये बजट बहुत ही निराशाजनक था। ये पूरा बजट सरकार की कमजोरी और अस्थिरता का उदाहरण था। उन्होंने कहा कि पूरा बजट दो प्रदेशों और दो विशेष राजनीतिक दलों को तवज्जो देने के लिए था, क्योंकि सरकार को अपनी कुर्सी बचानी है। गौरव गोगोई ने कहा कि इसमें मध्यम वर्ग, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन इसमें उन उद्योगपतियों के लिए बहुत कुछ था, जो BJP को चंदा देते हैं।