Rahul Gandhi leaves for South America tour: टैरिफ वॉर और एच 1बी वीजा पर छिड़े घमासान के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर रवाना हुए हैं। अपनी यात्रा के दौरान राहुल इन देशों के राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और उद्योग जगत के लोगों से मुलाक़ात और संवाद करने वाले हैं। इस यात्रा की जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को दी है।
Rahul Gandhi leaves for South America Visit: टैरिफ वॉर और एच 1बी वीजा पर छिड़े घमासान के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर रवाना हुए हैं। अपनी यात्रा के दौरान राहुल इन देशों के राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और उद्योग जगत के लोगों से मुलाक़ात और संवाद करने वाले हैं। इस यात्रा की जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को दी है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिका की यात्रा शुरू की है। वे चार देशों में राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और व्यापारिक समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करने वाले हैं।” रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेंगे, जहां पर वह विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करने की संभावना है। वह ब्राज़ील, कोलंबिया और अन्य जगहों के विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत करेंगे। इस दौरान अगली पीढ़ी के वैश्विक नेताओं के साथ संवाद को बढ़ावा देंगे।
लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष, श्री राहुल गांधी, दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर हैं। वहाँ वे राजनैतिक नेताओं, विश्विद्यालयों के छात्रों एवं उद्योग व व्यापार जगत के सदस्यों से संवाद करेंगे।
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 27, 2025
कांग्रेस ने आगे बताया कि राहुल अपनी यात्रा के दौरान कई देशों के राष्ट्रपतियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगे। इस दौरान वह लोकतांत्रिक एवं रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करेंगे। साथ ही वह व्यापार जगत की हस्तियों से मिलकर अवसरों की तलाश करेंगे क्योंकि भारत अमेरिकी टैरिफ के मद्देनजर व्यापार और साझेदारी में विविधता लाना चाहता है। पार्टी का कहना है कि भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच गुटनिरपेक्ष आंदोलन, वैश्विक दक्षिण में एकजुटता और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से लंबे समय से संबंध रहे हैं। राहुल का यह दौरा इस परंपरा को जारी रखते हुए व्यापार, प्रौद्योगिकी, स्थिरता और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान में सहयोग के नए रास्ते खोल रहा है।