उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ी क्षेत्र में बारिश का कहर जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण वहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कुमाऊं में लगातार हो रही बारिश के चलते सात लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गयी है। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया।
कुमाऊं। उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ी क्षेत्र में बारिश का कहर जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण वहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कुमाऊं में लगातार हो रही बारिश के चलते सात लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गयी है। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया।
इसके चलते मजदूरों की झोपड़ी पर रिटेनिंग दीवार गिर गई, जिसमें सात लोग दब गए। जिसमें से हयात सिंह और उनकी माता के शव बरामद हुए। हयात सिंह की पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा अब भी मलबे में दबे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। उधर, खैरना में झोपड़ी में पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत की खबर है।
इसके साथ ही अल्मोड़ा के भिकियासैंण में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए। जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं।
उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है।
टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है। मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया। सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है। बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में बारिश के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है।