रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) के सैकड़ों मंदिरों में झूलन उत्सव (Jhoolan Utsav) का उल्लास सावन शुक्ल तृतीया से छलकने लगेगा। जबकि कुछ मंदिरों में पंचमी तिथि यानि नौ अगस्त से झूलन महोत्सव (Jhoolan Mahotsav) की धूम होगी। रामलला (Ramlala) के दरबार में भी सावन शुक्ल पंचमी तिथि (Jhoolanotsav Panchami Date) से झूलन महोत्सव (Jhoolan Mahotsav) की धूम होगी।
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) के सैकड़ों मंदिरों में झूलन उत्सव (Jhoolan Utsav) का उल्लास सावन शुक्ल तृतीया से छलकने लगेगा। जबकि कुछ मंदिरों में पंचमी तिथि यानि नौ अगस्त से झूलन महोत्सव (Jhoolan Mahotsav) की धूम होगी। रामलला (Ramlala) के दरबार में भी सावन शुक्ल पंचमी तिथि (Jhoolanotsav Panchami Date) से झूलन महोत्सव (Jhoolan Mahotsav) की धूम होगी। इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। रामलला (Ramlala) समेत चारों भाईयों की उत्सव मूर्ति को रजत हिंडोले पर विराजमान कर रोजाना सांस्कृतिक संध्या सजाई जाएगी।
रामनगरी का ऐतिहासिक सावन झूला मेला (Sawan Jhula Mela) सात अगस्त से शुरू होगा। अयोध्या के मंदिरों में झूलनोत्सव (Jhoolan Utsav) की अलग-अलग परंपरा है। रामलला (Ramlala) के दरबार में झूलनोत्सव पंचमी तिथि (Jhoolanotsav Panchami Date) से शुरू होता है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ़ अनिल मिश्र (Dr Anil Mishra, member of Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) ने बताया कि राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला समेत चारों भाईयों की उत्सव मूर्ति को रजत हिंडोले पर विराजमान कर झूलनोत्सव मनाया जाएगा। रामलला के लिए 2022 में ही 21 किलो चांदी से झूला तैयार कराया गया था। हर रोज शाम छह से सात बजे तक सांस्कृतिक संध्या भी सजेगी।
राम मंदिर के दूसरे तल का 50 फीसदी काम पूरा
राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण कार्य की गति भी तेज कर दी गई है। उधर राम मंदिर के द्वितीय तल का काम तेजी से चल रहा है। द्वितीय तल का निर्माण नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। दूसरे तल की ऊंचाई 19.5 फीट होगी। अब तक 10 फीट ऊंचाई तक के स्तंभ लग गए हैं। इस लिहाज से द्वितीय तल का करीब 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा (Dr Anil Mishra, member of Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) ने बताया कि निर्धारित समय सीमा के अनुसार ही राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। दिसंबर तक शिखर सहित मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। द्वितीय तल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शिखर को अंतिम स्पर्श प्रदान किया जाएगा। इसके बाद शिखर के ऊपर धर्म ध्वज लगाने का काम शुरू होगा।