राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। आज उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पटना स्थित दफ्तर में पेश होना पड़ा हुए। सुबह 11 बजे राबड़ी आवास से बेटी और सांसद मीसा भारती (MP Misa Bharti) के साथ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ईडी दफ्तर (ED Office) पहुंचे।
पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। आज उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पटना स्थित दफ्तर में पेश होना पड़ा हुए। सुबह 11 बजे राबड़ी आवास से बेटी और सांसद मीसा भारती (MP Misa Bharti) के साथ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ईडी दफ्तर (ED Office) पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद राजद (RJD) कार्यकर्ताओं की भीड़ ने लालू की गाड़ी को घेर लिया और उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। लालू ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बाद ईडी दफ्तर (ED Office) पहुंची। ईडी (ED) की टीम उनसे पूछताछ कर रही है।
इधर, ईडी दफ्तर (ED Office) के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इधर, ईडी दफ्तर (ED Office) के बाहर राजद समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है। राजद (RJD) के कई विधायक भी पहुंचे हैं। समर्थक केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) बीमार हैं। उन्हें जान बूझकर परेशान करने की कोशिश हो रही है। दरअसल, नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को पूछताछ के लिए बुलाया था। लालू को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को 30 जनवरी को पेश होने कहा गया था। आज लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ईडी (ED) के सवालों का जवाब देने पहुंचे हैं।
19 जनवरी को कागज देने गई थी ईडी की टीम
इससे पहले 19 जनवरी को ईडी (ED) की टीम राबड़ी आवास पहुंची। एक अधिकारी की ओर समन के कागजात दिया था। इसे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर से रिसीव किया था। इससे पहले भी ईडी (ED) की टीम ने लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) दोनों पूछताछ के लिए समन भेजा था।
यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव (The Then Railway Minister Lalu Yadav) के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) , पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Former Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था।