Robert Vadra's Interview : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं, जिसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने नाराजगी जाहिर की है। वाड्रा ने कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को लेकर कहा, 'ऐसे नेताओं के लिए पार्टी की विचाराधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं। यह बातें उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहीं।
Robert Vadra’s Interview : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं, जिसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने नाराजगी जाहिर की है। वाड्रा ने कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को लेकर कहा, ‘ऐसे नेताओं के लिए पार्टी की विचाराधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं। यह बातें उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहीं।
दरअसल, इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा से अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू और गौरव वल्लभ जैसे कुछ प्रमुख चेहरों के कांग्रेस छोड़ने की वजह पूछी गयी। इस पर उन्होंने कहा, ‘ये कहना सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है। मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है। अभी ऐसे सीनियर नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर या टिकट या सीट की जरूरत है, लेकिन वे इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं। इसके लिए कोशिश की जरूरत है। वाड्रा ने कहा, ‘अगर आपको लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई दूसरी पार्टी ऑफर करती है तो वो साथ छोड़कर चले जाएं।’
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा, ‘कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया और उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है। जब वे पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ हैं तो उन्हें थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। भले ही उन्हें कठिनाई महसूस हो या सत्ता में वापस आने में लंबा समय लगे। सत्ता ही सब कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम उनसे नाराज नहीं होते, हम उन्हें अच्छे भविष्य के लिए विदा करते हैं। लेकिन लोग देखेंगे और महसूस करेंगे कि उनके लिए किसी पार्टी विशेष की विचारधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं। उनके लिए सिर्फ पद मायने रखता है।