सनातन धर्म में ऋषियों ने रुद्राक्ष के गुणों को पहचान कर उनकी विशेषताओं के बारे जगत को बताया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को शिव का प्रिय माना जाता है।
Rudraksha Married Life : सनातन धर्म में ऋषियों ने रुद्राक्ष के गुणों को पहचान कर उनकी विशेषताओं के बारे जगत को बताया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को शिव का प्रिय माना जाता है। शिव की पूजा में रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही स्वरूप माना गया है। कहते हैं कि रुद्राक्ष भोलेनाथ के आंसूओं से उत्पन्न हुआ है और इसमें कई चमत्कारी शक्तियां हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से
भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के संकाटों से छुटकारा मिलता है। यदि पति व पत्नी के रिश्ते में दूरी आ गई है तो नियमानुसार रुद्राक्ष धारण करने से दूरियां कम होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
दांपत्य जीवन के लिए दो मुखी रुद्राक्ष
धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष को बहुत ही फलदायी माना गया है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और प्रत्येक का अपना एक खास महत्व होता है। पति पत्नी के जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है। इसे धारण करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे सोने की चैन या लाल रंग के धागे में डालकर गले में धारण किया जाता है। धारण करने से पहले सोमवार के दिन रुद्राक्ष को कच्चा दूध व गंगाजल से शुद्ध करें और फिर धूप दिखाएं।
दो मुखी रुद्राक्ष को अर्ध नारिश्वर का स्वरूप माना गया है और इसे धारण करने वाले को गोहत्या जैसे जघन्य पाप से भी मुक्ति मिलती है। दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से घर में क्लेश का वास नहीं होता और सुख समृद्धि के द्वार खुलते हैं। इसे धारण करने से बुद्धि जाग्रत होती है और व्यापार में सफलता मिलती है।
व्यक्ति को अपनी मनोकामना या जरूरत के लिहाज से रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने के लिए कड़े नियमों के बारे बताया गया है। तन मन की पवित्रता इसको धारण करने के लिए आवश्यक है।