राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम व कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने अपनी पत्नी से सारा पायलट से तलाक ले लिया है। इसका खुलासा आज पायलट ने नामांकन-पत्र के साथ दिए एफिडेविट में किया गया है। हालांकि दोनों के बीच तलाक कब हुआ इसका तो कोई खुलासा नहीं हो सका है लेकिन सार्वजनिक रूप से यह पहली बार सामने आया है कि दोनों अलग हो गए हैं।
जयपुर। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम व कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने अपनी पत्नी से सारा पायलट से तलाक ले लिया है। इसका खुलासा आज पायलट ने नामांकन-पत्र के साथ दिए एफिडेविट में किया गया है। हालांकि दोनों के बीच तलाक कब हुआ इसका तो कोई खुलासा नहीं हो सका है लेकिन सार्वजनिक रूप से यह पहली बार सामने आया है कि दोनों अलग हो गए हैं। पायलट ने अपने शपथ पत्र में पत्नी के नाम के आगे तलाशुदा लिखा है। सचिन और सारा के दो बच्चे हैं। दोनों बच्चे सचिन के पास है। इसका भी हलफनामे में खुलासा किया गया है। सचिन पायलट ने आश्रित कॉलम में अपने बेटों का नाम- अरण पायलट और विहान पायलट लिखा है।हालांकि, सचिन पायलट के स्टाफ ने खबरों पर अनभिज्ञता जाहिर की है। पायलट के स्टाफ का कहना है कि उनकी जानकारी में ऐसा नहीं है।
जानकारी के अनुसार सचिन पायलट और सारा करीब 19 साल पहले 15 जनवरी 2004 को वैवाहिक बंधन में बंधे थे। सारा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुला की बेटी है। बताया जाता है कि अब्दुला इस शादी के खिलाफ थे, वहीं पायलट का परिवार भी इस रिश्ते से नाखुश था। सचिन अपने परिवार को इस रिश्ते के लिए राजी करने में सफल रहे, लेकिन सारा ऐसा नहीं कर सकी। लिहाजा फारुख अब्दुला इस शादी में शरीक नहीं हुए। सारा लंदन में पढ़ी लिखी हैं। दोनों की शादी तत्कालीन दौसा सांसद एवं सचिन की मां रमा पायलट के दिल्ली स्थित आवास पर हुई थी।
पहली बार सार्वजनिक हुई है तलाक की खबर
हालांकि बताया जा रहा है कि सचिन और सारा के बीच तलाक होने की दबी छिपी खबरें कई बार सामने आई लेकिन कभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। यहां तक कि तलाक की भनक भी किसी ने नहीं लगी। दोनों के बीच कब तलाक हुआ यह अभी सामने नहीं आ पाया है, लेकिन पायलट की ओर से मंगलवार को टोंक विधानसभा सीट से भरे गए नामांकन के दौरान साथ फाइल किए गए हलफनामे से तलाक की बात पहली बार सार्वजनिक हुई है।
पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाला है सचिन पायलट ने
सचिन पायलट ने भी बाद में अपना पहला लोकसभा चुनाव दौसा से लड़ा था। दौसा से चुनाव जीतकर वे पहली बार संसद पहुंचे। बाद में पायलट बेहद कम उम्र में केन्द्र सरकार में मंत्री बने। पायलट वो शख्स हैं जिन्होंने अपने पिता राजेश पायलट की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाला। सचिन राजनीति में तेजी से उभरते हुए कांग्रेस पार्टी में छा गए. पायलट राजस्थान कांग्रेस के करीब सात साल तक अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके अध्यक्ष काल में कांग्रेस पिछली बार सत्ता में लौटी थी।
नौ साल पहले भी सचिन और सारा के अलग होने की चर्चाएं थीं लेकिन उस वक्त इन्हें अफवाह बताकर खारिज कर दिया गया था। दिसंबर 2018 में जब सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली तो शपथ ग्रहण समारोह में सारा पायलट, दोनों बेटे और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हुए।