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‘संस्कृति पर्व का अप्रतिम विशेषांक चक्रस्थ अयोध्या’ का साध्वी रितंभरा ने किया लोकार्पण

विश्व की एकमात्र पत्रिका जिसके प्रधान संपादक प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी महाराज स्वयं हैं। उन्ही की विशेष अनुकंपा से संस्कृति पर्व प्रकाशित की गई है। श्री अयोध्या जी में श्री राम जन्म भूमि पर निर्मित भव्य मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर संस्कृति पर्व का विशेष अंक चक्रस्थ अयोध्या श्री हनुमान जी की कृपा से प्रकाशित है जिसका लोकार्पण आज पूज्य साध्वी रितंभरा ने किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

अयोध्या। विश्व की एकमात्र पत्रिका जिसके प्रधान संपादक प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी महाराज स्वयं हैं। उन्ही की विशेष अनुकंपा से संस्कृति पर्व प्रकाशित की गई है। श्री अयोध्या जी में श्री राम जन्म भूमि पर निर्मित भव्य मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर संस्कृति पर्व का विशेष अंक चक्रस्थ अयोध्या श्री हनुमान जी की कृपा से प्रकाशित है जिसका लोकार्पण आज पूज्य साध्वी रितंभरा ने किया। इस अंक के अतिथि संपादक अखिल भारतीय संत समीतिंके महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद हैं। इस अवसर पर तीर्थ क्षेत्र पुरम में अनेक महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अशोक तिवारी भी उपस्थित थे।

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भारत की आधुनिक संत परंपरा के देदीव्यमान नक्षत्र , अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री पूज्य स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती के अभिभावकत्व एवं निर्देशन में अब संस्कृति पर्व का चक्रस्थ अयोध्या अंक अपना विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस अतिविशिष्ट अंक में पाठकों को वह सब कुछ प्राप्त होगा जो उत्सुकता के साथ कोई भी श्री अयोध्या जी और श्री रामजन्म भूमि के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं। इस अंक के संपादकीय संरक्षक पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी हैं। भारत संस्कृति न्यास के अध्यक्ष संजय तिवारी इस पत्रिका के संस्थापक संपादक हैं।

सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में निरंतर प्रयत्नशील मासिक पत्रिका संस्कृति पर्व ने अयोध्या  में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर निर्मित भव्य श्रीराम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा एवं लोकार्पण के अवसर पर यह अति विशिष्ट अंक प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया था । चक्रस्थ अयोध्या शीर्षक के इस अंक में अतिविशिष्ट सामग्री प्रस्तुत की जा रही है। देश के लगभग सभी प्रमुख इतिहासकारों और अयोध्या जी में उत्खनन से जुड़े पद्मश्री डॉक्टर के के मोहम्मद जी के साथ ही भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के प्रो हिमांशु चतुर्वेदी , प्रयाग केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रख्यात इतिहासकार प्रो हेरंब चतुर्वेदी , जेएनयू के प्रख्यात इतिहासकार प्रो हीरामन तिवारी , सिक्किम से प्रो बीनू पंत , श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के आरंभ से ही निरंतर लिखते आ रहे प्रख्यात इतिहास लेखक एवं विद्वान प्रो प्रमोद दुबे , प्रो राकेश उपाध्याय , काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री आचार्य गोविंद शर्मा , मंदिर आंदोलन से जुड़े प्रख्यात अधिवक्ता जैन, लेखक कृष्णकांत उपाध्याय सहित अनेक विद्वान इस अंक में सहयोग कर रहे हैं। इस अंक में जिन विषयों को समायोजित करने का लक्ष्य है उनमें कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं_

1. श्री अयोध्या जी का उद्भव और महात्म्य
2. श्रीराम जन्मभूमि का इतिहास
3. श्री राम जन्मभूमि आंदोलन का 500 वर्षों का संघर्ष
4. श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के निमित्त न्यायिक प्रक्रिया
5. श्रीराम जन्म भूमि के ऐतिहासिक प्रमाण
6. श्रीराम जन्मभूमि की प्राप्ति के लिए समाज का बलिदान
7. श्री राम जन्मभूमि : ऐतिहासिक तिथि 6 दिसंबर 1992
8. श्रीराम रथ यात्रा
9. शीर्ष न्यायालय का निर्णय
10. मंदिर की आधारशिला , 5 अगस्त का प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक उद्बोधन
11. नव्य अयोध्या

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