यूपी (UP) के संभल जिले (Sambhal District) में जामा मस्जिद (Jama Masjid) और हरिहर मंदिर (Harihar Temple) विवाद पर चल रहे मामले में गुरुवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव (Advocate Commissioner Ramesh Singh Raghav) ने सर्वे रिपोर्ट कोर्ट (Survey Report) में पेश कर दी।
संभल । यूपी (UP) के संभल जिले (Sambhal District) में जामा मस्जिद (Jama Masjid) और हरिहर मंदिर (Harihar Temple) विवाद पर चल रहे मामले में गुरुवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव (Advocate Commissioner Ramesh Singh Raghav) ने सर्वे रिपोर्ट कोर्ट (Survey Report) में पेश कर दी। यह रिपोर्ट 40 पन्नों की है और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर इसे सील बंद लिफाफे में जमा किया गया है।
शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) का सर्वे 19 और 24 नवंबर को किया गया था। यह सर्वे संभल के चंदौसी जिला कोर्ट (Chandausi District Court) के निर्देश पर हुआ। एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि स्वास्थ्य कारणों से रिपोर्ट पेश करने में थोड़ा समय लगा। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी कर कोर्ट में जमा कर दी गई है। रिपोर्ट की सामग्री तब तक सार्वजनिक नहीं की जाएगी जब तक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कोई निर्देश नहीं आता। एडवोकेट कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश तक रिपोर्ट को खोला नहीं जाएगा।
मुस्लिम पक्ष की कार्रवाई पर निर्भर करेगा मामले की अगली सुनवाई
अगली सुनवाई के संबंध में एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि यह मुस्लिम पक्ष की कार्रवाई पर निर्भर करेगा। यदि वह हाईकोर्ट जाते हैं, तो उसके आधार पर मामले में आगे की प्रक्रिया तय होगी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जमा करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट में क्या जानकारी है, यह आदेश आने तक सामने नहीं आएगा।
जानें क्या है विवाद की जड़?
संभल के जामा मस्जिद (Jama Masjid) और हरिहर मंदिर (Harihar Temple) के बीच यह विवाद धार्मिक स्थलों की संरचना और अधिकारों को लेकर है। इस मामले ने कानूनी और धार्मिक विवाद का रूप ले लिया है। जिला कोर्ट के निर्देशों के तहत सर्वे किया गया। अब सभी की नजरें इस रिपोर्ट पर टिकी हैं।
अगली कार्रवाई का इंतजार
जामा मस्जिद (Jama Masjid) बनाम हरिहर मंदिर (Harihar Temple) मामले में कोर्ट की अगली कार्रवाई रिपोर्ट के खुलने और उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निर्भर करेगी।