संतकबीरनगर से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। प्रभारी मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम के संभावित दौरे से पहले बाढ़ बचाव कार्यों की असली हकीकत उजागर हो रही है। धनघटा क्षेत्र के रसूलपुर एमबीडी बांध पर जियो बैग—यानि बोरियों को भरने और सिलने का काम महज ₹400 की मजदूरी पर नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा है।
SantKabir Nagar News: संतकबीरनगर से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। प्रभारी मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम के संभावित दौरे से पहले बाढ़ बचाव कार्यों की असली हकीकत उजागर हो रही है। धनघटा क्षेत्र के रसूलपुर एमबीडी बांध पर जियो बैग—यानि बोरियों को भरने और सिलने का काम महज ₹400 की मजदूरी पर नाबालिग बच्चों से कराया जा रहा है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बेहद कम उम्र के बच्चे कठोर और जोखिम भरे श्रम में लगे हुए हैं। यह न सिर्फ बाल श्रम कानून का खुला उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के मानवाधिकारों के भी खिलाफ है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सबकुछ बाढ़ राहत कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रहे एक ठेकेदार की निगरानी में हो रहा है। सरकार एक तरफ बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे उलट दिखाई दे रही है। करोड़ों रुपये की सरकारी योजनाओं के बावजूद इन मासूमों से मजदूरी कराना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि अमानवीय भी।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन इस संवेदनशील मामले में सिर्फ बयानबाजी करेगा या ठोस कार्रवाई भी देखने को मिलेगी? क्या इन मासूमों को उनका हक और सम्मान मिल पाएगा? यह मामला अब पूरे सिस्टम से जवाब मांग रहा है-क्योंकि जब कानून टूटता है, तो जिम्मेदारियों की परीक्षा भी शुरू होती है।
रिपोर्ट-रवि जायसवाल