आदिदेव भगवान महादेव की कथाएं दुर्लभ संयोग से भरी हुई है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन मास का अवसर सर्वोत्तम है।
Sawan 2023 Durlabh Sanyog : आदिदेव भगवान महादेव की कथाएं दुर्लभ संयोग से भरी हुई है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन मास का अवसर सर्वोत्तम है। माता पार्वती ने इसी मास भगवान महादेव को प्रसन्न किया था। इस मास में प्रकृति और शिव की आराधना से जगत आज्ञैर जीव का कल्याण होता है। सावन 2023 में ग्रह नक्षत्रों की चाल गणना के अनुसार कई दुर्लभ संयोग बन रहे है। सप्ताह में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस सावन के दूसरे सोमवार के दिन कई संयोग एक साथ इकट्ठा हो रहे है। इसी बार 17 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार पड़ रहा है। यह दिन शिव भक्तों के लिए भी विशेष रहने वाला है। इस सोमवार को पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र को बेहद शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र के इष्टदेव देव माता अदिति हैं। ऋग्वेद में इनको ब्रह्म शक्ति माना गया है। अदिति को देवमाता कहा जाता है।
इसी प्रकार सावन के दूसरे सोमवार पर रुद्राभिषेक के लिए शिव वास भी है। इस दिन भगवान भोलेनाथ शिववास में माता गौरी के साथ है। भगवान शिव की भक्ति के लिए शिव वास का होना चमत्कारी फल प्रदान करता है। सही संयोग पर भगवान शिव की पूजा करने, शिवलिंग का अभिषेक करने से जीवन में अपार सुख, धन-दौलत, मान-सम्मान आदि सब कुछ मिलता है।
सावन के दूसरे सोमवार को हरियाली अमावस्या भी है। अमावस्या होने की वजह से इस दिन सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या के दिन शिव पूजा से पितृदोष, शनिदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।