वन मास भगवान शिव की आराधना पवित्र समय है। भगवान भोनेनाथ समर्पित इस अलौकिक मास में विचारों की शुद्धता बहुत आवश्यक है।
Sawan Vrat Satvik Thali : सावन मास भगवान शिव की आराधना पवित्र समय है। भगवान भोनेनाथ समर्पित इस अलौकिक मास में विचारों की शुद्धता बहुत आवश्यक है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि सावन मास में जो भक्त मानसिक और दैहिक शुद्धता से भगवान शिव को भजता उसकी सब मनोकामना पूर्ण होती है। सावन मास के अवधि में तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित है। इस दौरान सात्विक पदार्थ का ही सेवन करना उपयुक्त है। आइये जानते है सात्विक थाली के व्यंजनों के बारे में।
सात्विक भोजन में भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां फल शहद, गुड़, साबुत अनाज को शामिल किया जाता है। यह शाकाहारी और कम मसाले वाले भोजन होते हैं। इसमें लहसुन -प्याज भी नहीं होता है। सावन में पूजा-पाठ ईश्वर को भोग लगाने के लिए लोग सात्विक भोजन बनाने का नियम हैं। सात्विक भोजन पाचन को दुरुस्त करता है और ब्लोटिंग खत्म करता है।
सुबह जल ग्रहण करने के बाद आप एक कप चाय के साथ मूंगफली या मखाने भूनकर खा सकते हैं। इनको खाने से आपको भूख भी नहीं लगेगी। सात्विक भोजन इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक होता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व युक्त प्राकृतिक आहार शामिल किया जाता है। सिंघाड़े के आटे की पूरी,आलू की मसालेदार सब्जी,साबूदाने की खीर सात्विक थाली के व्यंजन है। व्रत रखकर फल खाना बहुत जरूरी माना जाता है. माना जाता है कि व्रत में फल खाने से फाइबर खूब मिलता है और इस वजह से आपका पेट नहीं खराब होता।