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Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर घमासान! बैठक से निकल गए तेजस्वी, राहुल-खड़गे से मिले बिना ही पटना लौटे

बिहार विधानसभा चुनाव होने  में अब  चंद  दिन बचे हुए हैं ऐसे में पार्टियों  सीट शेयरिंग  का पेंच अभी सुलझा नहीं है। विधानसभा सीटों को लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस में खींचतान बढ़ गई है।  वहीं तेजस्वी यादव कांग्रेस को दिये ऑफर पर अड़े हुए हैं। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं से कड़े मोलभाव का निर्देश दिया है।  दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक भी बेनतीजा रही.…..

By Aakansha Upadhyay 
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बिहार विधानसभा चुनाव होने  में अब  चंद  दिन बचे हुए हैं ऐसे में पार्टियों  सीट शेयरिंग  का पेंच अभी सुलझा नहीं है। विधानसभा सीटों को लेकर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस में खींचतान बढ़ गई है।  वहीं तेजस्वी यादव कांग्रेस को दिये ऑफर पर अड़े हुए हैं। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं से कड़े मोलभाव का निर्देश दिया है।  दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक भी बेनतीजा रही.…..

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सूत्रो के मुताबिक  तेजस्वी यादव ने काँग्रेस नेताओं से कहा कि मौजूदा हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता।  तेजस्वी यादव इसके बाद ‘देखेंगे और जवाब देंगे’ कह बैठक से निकल गए।  तेजस्वी यादव  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात किए बिना ही पटना लौट गए। वहीं, पटना में लोकसभा चुनाव की ही तरह सीट बंटवारे का फॉर्मूला फाइनल हुए बिना लालू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का सिंबल बांटना भी शुरू कर दिया।  मिली जानकारी के मुताबिक कहा यह जा रहा है कि तेजस्वी के पहुंचने पर उनसे सिंबल वापस ले लिए गए, जिनको सिंबल दिए गए थे। जानकारी के मुताबिक आरजेडी कांग्रेस की 61 सीटों की डिमांड पूरी करने को भी तैयार है, लेकिन ग्रैंड ओल्ड पार्टी कुछ ऐसी सीटें मांग रही है जिन्हें देने के लिए लालू की पार्टी तैयार नहीं है।

 इन सीटों पर फंसा है पेच

बता दें कि जिन सीटों पर पेच फंसा है उनमें कहलगांव के साथ ही नरकटियागंज, वारिसलीगंज, चैनपुर और बछवाड़ा विधानसभा सीट शामिल हैं. कहलगांव सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। इस सीट पर नव साल कांग्रेस का कब्जा रहा है। नरकटियागंज में मुस्लिम आबादी अधिक है और सामाजिक समीकरणों की वजह से इस सीट पर कांग्रेस की नजर है। वारिसलीगंज सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को 2020 में करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. चैनपुर और बछवाड़ा को छोड़कर बाकी सीटों पर सहमति नहीं बन सकी है.

सहनी को लेकर तेजस्वी सतर्क

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इसके साथ ही बता दें तेजस्वी यादव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और मुकेश सहनी की गतिविधियों को लेकर भी सतर्क नजर आ रहे हैं।  आरजेडी सूत्रों की मानें तो तेजस्वी को लगता है कि मुकेश सहनी विश्वसनीय नहीं हैं, अधिक की डिमांड कर रहे हैं।  तेजस्वी वीआईपी प्रमुख से नाराज बताए जा रहे हैं. इसके पीछे उनका आरजेडी की 10 मजबूत सीटों पर पहले ही पार्टी सिंबल दे देने को वजह बताया जा रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है।

 

 

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