प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज पर मौनी अमावस्या को हुई भगदड़ को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरी आमने-सामने हो गए हैं। हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती यूपी के सीएम योगी का इस्तीफा मांगा है ।
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज पर मौनी अमावस्या को हुई भगदड़ को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्रपुरी आमने-सामने हो गए हैं। हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती यूपी के सीएम योगी का इस्तीफा मांगा है । तो वहीं सभी अखाड़ों की प्रतिनिधि संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने शंकराचार्य के बयान का विरोध करते हुए उनकी वसीयत और पद पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बताई हादसे की वजह
अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक बार फिर बयान देकर विवादों में आ गए हैं। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम नोज में हुए हादसे पर शंकराचार्य ने कहा है कि मुख्यमंत्री को कुम्भ पर्व रहते-रहते इस्तीफा दे देना चाहिए। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने घटना के बाद मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया हैंडल से जारी हुए बयानों को आधार बनाकर उन्हें सही जानकारी न देने का आरोप लगाया है। उनका कहना कि वो पद के काबिल नहीं है, उन्होंने जनता से झूठ बोला है। महाकुम्भ में हुए हादसे में जो नहीं रहे, हम उनके लिए बुधवार को उपवास रख सकते थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने सबको ऐसा आभास कर दिया कि कोई हताहत नहीं हुआ है, सवाल किया कि इतनी बड़ी घटना आखिर क्यों छुपा रहे थे।
शंकराचार्य पर अखाड़ा परिषद ने किया पलटवार शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बयान पलटवार करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा है कि मेला प्रशासन ने बहुत ही अच्छा काम किया। घटना दुःखद थी, लेकिन प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अच्छा काम किया। ऐसे मामले पर बयान जारी करने वाले लोगों की जांच होनी चाहिए। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की वसीयत को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने फर्जी करार दिया है। रवींद्रपुरी ने महाकुंभ को लेकर सीएम की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का शंकराचार्य पद पर हुआ पट्टाभिषेक गलत है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने अविमुक्तेश्वरानंद को स्वयंभू शंकराचार्य तक कह दिया। कहा कि उनकी वसीयत की जांच होनी चाहिए। ऐसे लोगों को मेला क्षेत्र से बाहर करना चाहिए।