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कांग्रेस ने बागी विधायक सुधीर शर्मा को सचिव पद से हटाया, राजेंद्र राणा ने छोड़ा कार्यकारी अध्यक्ष पद

कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने हिमाचल राज्यसभा चुनाव (Himachal Rajya Sabha elections) में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) करने वाले अयोग्य घोषित बागी विधायकों पर बुधवार को कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress National President Mallikarjun Kharge) ने बागी विधायक सुधीर शर्मा (Rebel MLA Sudhir Sharma) को तुरंत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव के पद से हटा दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने हिमाचल राज्यसभा चुनाव (Himachal Rajya Sabha elections) में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) करने वाले अयोग्य घोषित बागी विधायकों पर बुधवार को कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress National President Mallikarjun Kharge) ने बागी विधायक सुधीर शर्मा (Rebel MLA Sudhir Sharma) को तुरंत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव के पद से हटा दिया है।

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इस संबंध में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (Congress General Secretary KC Venugopal) की ओर से जानकारी दी गई है। तो वहीं, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा (Himachal Pradesh Congress Working President Rajendra Rana) ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है। उधर, कांग्रेस के बागी छह विधायकों ने बुधवार को मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple) में पूजा की है।

सुधीर शर्मा ने ये कहा

उधर, पद से हटाने के बाद सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा- भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। उन्होंने आगे लिखा- चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए, वो भी शहंशाह।

राजेंद्र राणा बोले- सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मामला दायर हो गया है और उम्मीद है कि न्याय होगा। क्योंकि जिस तरह असंवैधानिक तरीके से उन्हें अयोग्य करार दिया गया, जनता सब जानती है। सरकार की ओर से धड़ाधड़ की जा रही घोषणाओं पर राणा ने कहा कि जब बजट में प्रावधान नहीं, सरकार के पास पैसा नहीं, कोई लोन देने को तैयार नहीं तो यह सब लोगों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।

बता दें, 29 फरवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Himachal Pradesh Assembly Speaker Kuldeep Singh Pathania) ने दलबदल कानून के तहत बागी छह कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। दलबदल कानून के तहत बागी विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो, चैतन्य शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल की सदस्यता रद्द किया गया है। व्हिप जारी करने के बावजूद बजट पारित करने के दिन विधानसभा में मौजूद न रहने पर इन पर यह कार्रवाई की गई। इसके बाद इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सभी विधायक राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) के बाद से चंडीगढ़ में सीआरपीएफ की सुरक्षा में रह रहे हैं।

 

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