मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गोरखपुर में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, पैडलेगंज स्थल पर पर्यटन विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख बंधुओं की समृद्धि और प्रगति के पीछे गुरु परंपरा के प्रति उनकी अगाध निष्ठा है। जिन्होंने देश और सनातन धर्म के लिए अपने आपका बलिदान दिया हो, आज यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है हम भी सिख गुरुजनों की परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें।
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गोरखपुर में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, पैडलेगंज स्थल पर पर्यटन विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख बंधुओं की समृद्धि और प्रगति के पीछे गुरु परंपरा के प्रति उनकी अगाध निष्ठा है। जिन्होंने देश और सनातन धर्म के लिए अपने आपका बलिदान दिया हो, आज यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है हम भी सिख गुरुजनों की परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें।
जो बोले सो निहाल!
सत् श्री अकाल!जब-जब सनातन धर्म पर संकट आया, तब-तब सिख गुरुजनों ने आगे बढ़कर अपना सर्वस्व बलिदान करने में कभी संकोच नहीं किया।
'श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी' के पावन प्रकाश पर्व पर आज गोरखपुर में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, पैडलेगंज स्थल पर पर्यटन विकास… pic.twitter.com/QQVGvkicD6
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 24, 2025
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उन्होंने कहा, गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज तक एक ऐसी अनुपम और अटूट परंपरा, जिसने भारत और भारतीयता के लिए, सनातन धर्म के लिए बार-बार अपनी शहादत दी। जब भी सनातन पर कोई संकट आया, सिख गुरुओं ने आगे आकर के अपना सर्वस्व बलिदान करने में कोई संकोच नहीं किया।
गौरवशाली इतिहास जिस सिख जाति का हो…अपने लिए नहीं, देश के लिए। अपने लिए नहीं, सनातन धर्म के लिए…जिन्होंने अपने आपका बलिदान दिया हो, आज यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें…: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/rceRVI8njL
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 24, 2025
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, गुरुद्वारे का लंगर केवल सिख नहीं छकता है। कोई भी व्यक्ति आता है, उसका नाम व जाति नहीं पूछी जाती है। उसका चेहरा नहीं देखा जाता है। यह गुरुवाणी है, उसका पालन हर सिख आज भी करता है। इसका पालन हमें हमेशा करना चाहिए। साथ ही कहा, गौरवशाली इतिहास जिस सिख जाति का हो…अपने लिए नहीं, देश के लिए। अपने लिए नहीं, सनातन धर्म के लिए…जिन्होंने अपने आपका बलिदान दिया हो, आज यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें।