देश के मशहूर शिक्षा सुधारक और पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को लेह पुलिस ने शुक्रवार को लेह हिंसा मामले (Leh Violence Case) में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) के तहत हुई है।
नई दिल्ली। देश के मशहूर शिक्षा सुधारक और पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को लेह पुलिस (Leh Police) ने शुक्रवार को लेह हिंसा मामले (Leh Violence Case) में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) के तहत हुई है।
यह कार्रवाई उस घटना के एक दिन बाद हुई, जब लेह में बंद और विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई भीषण झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी। वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवा बंद (Internet Services Suspended) कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम उन्हें लेकर उनके घर जा रही है। स्थानीय संगठनों और वांगचुक समर्थकों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। आंदोलन के तेज़ होने के साथ ही प्रशासन ने एहतियातन कई इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है।
लेह हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने कथित FCRA उल्लंघन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के खिलाफ सीबीआई जांच बैठा दी है। सोनम वांगचुक ने सीबीआई जांच को लेकर कहा कि बलि का बकरा बनाया जा रहा है, कल की घटना आखिरी थी और सारा दोष सोनम वांगचुक पर ही मढ़ दिया।
वांगचुक के एनजीओ का FCRA पंजीकरण रद्द
बता दें कि लद्दाख में तनावपूर्ण माहौल के बीच गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक की संस्था सेमोल का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया है। उनकी संस्थाओं पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं।
अभी तक नहीं मिला FCRA का नोटिस
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने कहा कि मुझे सीबीआई जांच को लेकर नोटिस मिला जिसमें कहा गया कि आपकी संस्था ने विदेश से फंडिंग ली है, लेकिन मुझे अभी तक FCRA का नोटिस नहीं मिला है। वांगचुक ने कहा कि हमें एफसीआरए का नोटिस नहीं मिला, क्योंकि हमें विदेशों से फंड नहीं चाहिए।
सारा दोष मुझ ही पर मढ़ दिया गया
वांगचुक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी निष्क्रीय सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस दी। यही नहीं हमें अपनी कृत्रिम ग्लेशियर की जानकारी साझा करने के लिए स्विटजरलैंड और इटली के संगठनों से टैक्स के साथ फीस मिली। हमें आईटी से समन मिल रहे हैं। मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता वांगचुक ने कहा कि कल लेह में हुई हिंसा आखिरी थी और सारा दोष मुझ ही पर मढ़ दिया गया।
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने कहा कि मेरे खिलाफ झूठा विदेशी फंडिंग का केस बनाकर सरकार मुझे 2 साल तक जेल में डालना चाहती है। मुझे जेल जाने का डर नहीं, बल्कि मेरा जेल में होना देश को और ज्यादा जगाएगा। सच्चाई बोलना अगर गुनाह है, तो फिर इस देश में ईमानदारों के लिए कोई जगह नहीं बची। सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) जैसे देशभक्त को टारगेट करना साफ दिखाता है कि सरकार को सच्चे और सोचने वाले लोगों से डर लगता है। ये लोकतंत्र नहीं, दबावतंत्र बनता जा रहा है।