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सदन में रो पड़ी सपा विधायक विजमा यादव, बोली- मुख्यमंत्री जी हमारी सुरक्षा आपके हाथ में, मुझे न्याय मिलना चाहिए, अखिलेश ने भाजपा को घेरा

यूपी विधानसभा (UP Assembly) में सपा विधायक विजमा यादव (SP MLA Vijma Yadav)  ने बुधवार को योगी सरकार (Yogi Government) पर बड़ा हमला बोला है। सपा विधायक विजमा यादव (SP MLA Vijma Yadav)  ने कहा कि उनके पति जवाहर यादव (Husband Jawahar Yadav) की सरेआम एके 47 (AK-47)   से हत्या करने वालों को सरकार ने सजा होने बाद भी बरी करा लिया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Assembly) में सपा विधायक विजमा यादव (SP MLA Vijma Yadav)  ने बुधवार को योगी सरकार (Yogi Government) पर बड़ा हमला बोला है। सपा विधायक विजमा यादव (SP MLA Vijma Yadav)  ने कहा कि उनके पति जवाहर यादव (Husband Jawahar Yadav) की सरेआम एके 47 (AK-47)   से हत्या करने वालों को सरकार ने सजा होने बाद भी बरी करा लिया। ये लोग अब जेल से बाहर आ गए हैं। विजमा यादव (Vijma Yadav) ने कहा कि मेरी जान को खतरा है। अगर मुझे कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी होगी। उधर विजमा यादव (Vijma Yadav)  के बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि देखते हैं कि ‘न्याय’ के साथ कौन खड़ा होता है। जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार।

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बता दें कि विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के सामने प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से विधायक विजमा यादव (MLA Vijma Yadav) ने कहा कि मुख्यमंत्री जी बैठे हैं, मैं इनके सामने अपनी बात कहना चाहती हूं। मेरे पति की प्रयागराज में हत्या हुई। प्रयागराज में मेरे पति विधायक पर एके 47 (AK-47)  चली और उनके साथ तीन लोगों की हत्या हुई दो लोग घायल हुए। 18 साल बाद मुझे न्यायालय से न्याय मिला। मुल्जिमों को जेल हुई। जेल में जाते ही सरकार इसी बीच में मुकदमा वापस करना चाह रही थी। इसके बाद मैं हाईकोर्ट गई, मुझे न्याय मिला और मुकदमा वापस नहीं हुआ। उन्हें आजीवन सजा हुई, लेकिन इनका चरित्र था कि दिन दहाड़े एके-47 (AK-47) चलाने वाले उदयभान करवरिया, कपिल करवरिया, सूर्यभान करवरिया उनकी बुआ का लड़का कल्लू करवरिया को सरकार ने राज्यपाल जी ने उनको बरी कर दिया।

विजमा यादव (Vijma Yadav) ने कहा कि मुख्यमंत्री जी महिला सुरक्षा की बात करते हैं। मेरे पति पर दिन दहाड़े एके 47 (AK-47)  चलाया गया। सरकार उनको बरी करा रही है। विजमा यादव (Vijma Yadav) ने कहा कि कल हमारी भी हत्या हो सकती है, हमारे परिवार की भी हत्या हो सकती है। इसकी जिम्मेदार सरकार की होगी। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी जब दिनदहाड़े एके 47 (AK-47) चलाने वालों को बरी किया जा रहा है तो छोटे-छोटे अपराध में जो लोग सजा काट रहे हैं उनको भी बरी किया जाए। मेरी गुहार है कि हमारी सुरक्षा आपके हाथ है। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलना चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार

उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav)  ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के पास ‘अपराध के ख़िलाफ़’ अपनी ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की तथाकथित नीति को सच कर दिखाने का मौका है। देखते हैं ‘न्याय’ के साथ कौन खड़ा होता है। भाजपाइयों की आपसी राजनीति का ख़ामियाज़ा कोई तीसरा क्यों भुगते? जो न सुने बेबस की गुहार, वो नहीं सरकार!

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जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल 13 अगस्त 1996 को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को करवरिया बंधुओं ने दिनदहाड़े प्रयागराज में एके 47 की गोलियों से छलनी कर दिया था। इस मामले में कई साल केस चलने के बाद चार नवंबर 2019 को पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व भाजपा विधायक उदयभान करवरिया (Former MLA Udaybhan Karvariya)  और पूर्व बसपा एमएलसी सूरजभान करवरिया (Former BSP MLC Suraj Bhan Karvariya) और रामचंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

इससे 13 महीने पहले ही 4 अक्टूबर 2018 को यूपी सरकार ने इलाहाबाद सेशन कोर्ट (Allahabad Session Court) में केस वापसी की अर्जी दाखिल की थी। तब सरकार की तरफ से कहा गया कि करवरिया बंधुओं के खिलाफ आरोप साबित होने के लिहाज से पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विजमा यादव (Vijma Yadav)  हाईकोर्ट गई थीं और हाईकोर्ट ने सरकार की अपील खारिज कर दी थी।

अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद पूर्व विधायक उदयभान करवरिया (Former MLA Udaybhan Karvariya) की रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि 30 जुलाई 2023 तक उदयभान करवरिया (Udaybhan Karvariya) ने 8 वर्ष तीन महीने 22 दिन की अपरिहार सजा और 8 वर्ष 8 महीने 11 दिन की सपरिहार सजा काट ली है। एसएसपी और डीएम प्रयागराज द्वारा समयपूर्व रिहाई की संस्तुति किए जाने, जेल में करवरिया का आचरण उत्तम होने और दया याचिका समिति द्वारा की गई संस्तुति के चलते समय पूर्व रिहाई का आदेश किया जा रहा है।

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