श्रीलंका (Sri Lanka) के आम चुनावों में निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Outgoing President Ranil Wickremesinghe) को वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Leftist leader Anura Kumara Disanayake) हाथों बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली। श्रीलंका (Sri Lanka) के आम चुनावों में निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Outgoing President Ranil Wickremesinghe) को वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Leftist leader Anura Kumara Disanayake) हाथों बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ा है। दिसानायके ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। वह श्रीलंका (Sri Lanka) के अगले राष्ट्रपति होंगे। अनुरा कुमारा (Anura Kumara) का चुनाव जीतना भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है। उन्हें चीन (China) का समर्थक माना जाता है और चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने श्रीलंकाई लोगों से वादा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति बन जाते हैं तो श्रीलंका (Sri Lanka) में अडानी के प्रोजेक्ट्स रद्द (Cancelling Adani Project) करवाएंगे।
अडानी के प्रोजेक्ट रद्द करने का वादा अनुरा कुमारा (Anura Kumara) की पार्टी जेपीवी ने 1980 के दशक में भारत द्वारा भेजी गई पीस कीपिंग फोर्स का विरोध किया था। भारत ने उस वक्त लिट्टे के खात्मे के लिए इस फोर्स को श्रीलंका भेजा था। हाल ही में चुनाव अभियान के दौरान दिसानायके ने श्रीलंकाई जनता से वादा किया था कि अगर वो सरकार बनाते हैं कि अडानी की पवन ऊर्जा परियोजना (Adani Wind Power Project) को रद्द करवाएंगे। उनका कहना है कि अडानी प्रोजेक्ट (Adani Project) श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरे की घंटी है।
श्रीलंका (Sri Lanka) में 10वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए 21 सितंबर को मतदान हुआ था। वोटों की गिनती कल शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई। 1 करोड़ 70 लाख मतदाताओं में से करीब 75 फीसदी ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। नवंबर 2019 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में हुए 83 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था।
श्रीलंका चुनाव आयोग (Sri Lanka Election Commission) के आंकड़ों के मुताबिक वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Leftist leader Anura Kumara Disanayake) 52 फीसदी वोट के साथ राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के करीब हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 16 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। साजिश प्रेमदासा (Sajish Premadasa) 22 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर हैं। प्रेमदासा एक बार फिर मुख्य विपक्षी नेता की भूमिका में दिखेंगे। बता दें कि 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है।
रानिल विक्रमसिंघे के विदेश मंत्री साबरी ने स्वीकारी हार
रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के विदेश मंत्री अली साबरी (Foreign Minister Ali Sabri) ने X पर एक पोस्ट में दिसानायके को उनकी जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने लिखा कि ‘लंबे और थका देने वाले अभियान के बाद, राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के नतीजे अब स्पष्ट हैं। मैंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए जोरदार प्रचार किया, लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना निर्णय बता दिया है और मैं अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) के लिए उनके जनादेश का पूरा सम्मान करता हूं। एक लोकतंत्र में जनता के निर्णय का सम्मान करना महत्वपूर्ण है और मैं बिना किसी हिचकिचाहट के इसे स्वीकार कर रहा हूं। दिसानायके और उनकी टीम को जीत की हार्दिक बधाई।’
दिसानायके की एनपीपी (NPP)को पिछले चुनाव में केवल 3 प्रतिशत वोट मिले थे। श्रीलंका का आर्थिक संकट दिसानायके के लिए एक अवसर साबित हुआ है। उन्होंने यह चुनाव देश की भ्रष्ट राजनीतिक संस्कृति को बदलने के वादे के साथ लड़ा और उन पर जनता ने अपना विश्वास प्रकट किया है। श्रीलंका में मतदाता तीन उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में रखकर एक विजेता का चुनाव करते हैं। यदि किसी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत प्राप्त होता है, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है। यदि बहुमत नहीं मिलता, तो दूसरे दौर की गिनती शुरू होती है, जिसमें दूसरी और तीसरी पसंद के वोटों को ध्यान में रखा जाता है।
अनुरा कुमारा कौन हैं?
अनुरा कुमारा (Anura Kumara) मौजूदा समय में कोलंबो से सांसद भी हैं। AKD के नाम से मशहूर अनुरा इस वक्त दो राजनीतिक दलों का नेतृत्व कर रहे हैं- पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (JVP) और नेशनल पीपुल्स पावर (NPP)। वे श्रीलंका में मार्क्सवादी विचारधारा वाले नेता माने जाते हैं। दिसानायके का जन्म 24 नवंबर 1968 को हुआ था। अनुरा कुमारा (Anura Kumara) को चीनी समर्थक माना जाता है। शनिवार को मतदान के बाद उन्होंने एएफपी (AFP) के हवाले से कहा था कि हमारे देश को एक नई राजनीतिक संस्कृति की जरूरत है। उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आने के 45 दिनों के भीतर संसद को भंग करेंगे। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सशक्त बनाने और सतत विकास का वादा किया था।
क्या दिसानायके भारत विरोधी हैं?
मामले के जानकार बताते हैं कि इस बात की आशंका काफी ज्यादा है कि ताजपोशी के बाद दिसानायके का चीन के प्रति झुकाव ज्यादा होगा। द वीक का कहना है कि उनकी पार्टी जेवीपी (JVP) पर 2021 में उनके अभियान के दौरान चीनी मदद के आरोप लगे थे। डेली मिरर (Daily Mirror) श्रीलंका को दिए इंटरव्यू में दिसानायके ने कहा था कि किसी ने दावा किया था कि मैंने विदेश यात्राओं पर 70 मिलियन रुपए खर्च किए हैं। मैंने भारत और चीन की सरकारों के निमंत्रण पर वहां का दौरा किया। भारत और चीन की सरकारों ने ही सारा खर्च वहन किया था।